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स्कूलों में बायोमीटिक मशीन से हाजिरी की शुरुआत संभल से

प्रदेश में सम्भल जिले के असमोली ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय इटायला माफी पहला ऐसा विद्यालय होगा जिसमें बायोमीटिक मशीन से हाजिरी लगेगी। खास बात यह है कि इसके लिए शासन से कोई बजट नहीं मिला पर स्कूल को मिली पुरस्कार राशि से यह मशीन प्रधानाध्यापक कपिल मलिक ने मंगवाकर एक मिसाल कायम कर दी।
अब शिक्षक व बच्चे स्कूल आने में देरी पर सही समय डालने के लिए बाध्य होंगे। बच्चे भी कोई बहाना नहीं बना पाएंगे।1पिछले महीने शिक्षक दिवस के मौके पर लखनऊ में एक लाख 20 हजार रुपये का पुरस्कार प्रधानाध्यापक मलिक को आदर्श विद्यालय घोषित होने पर मिला था।
इस धनराशि से 30 हजार रुपये का लैपटॉप व 14 हजार रुपये की बायोमीटिक मशीन खरीद ली गई। इन दिनों स्कूल में पढ़ने वाले 308 बच्चे व छह शिक्षकों के फिंगर प्रिंट लेने व लैपटॉप में नामों की फीडिंग का कार्य चल रहा है। मशीन का उद्घाटन सात अक्टूबर को बतौर मुख्य अतिथि मंडलायुक्त एल वेक्टेश्वर लू के साथ-साथ क्षेत्र की विधायक पिंकी यादव व एडी बेसिक भगवत पटेल द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा पुरस्कार की जो धनराशि बची है उससे बच्चों के लिए फर्नीचर भी खरीदा गया है। एडी बेसिक भगवत पटेल ने बताया कि यह बेसिक शिक्षा परिषद का प्रदेश में पहला ऐसा विद्यालय होगा जिसमें बायोमीटिक मशीन से शिक्षक व बच्चे हाजिरी लगाएंगे। मशीन का उद्घाटन अक्टूबर में होगा।

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