जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण
को लेकर शिक्षक नेता व बीएसए कार्यालय के बाबुओं के बीच ठन गई है।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना था कि उनको नियुक्ति पत्र शीघ्र दिए जाएं जबकि बीएसए पुरुष शिक्षकों की तैनाती के बाद ही एक साथ सबको नियुक्ति पत्र देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों व क्लर्क को ऐसा न करने की नसीहत दी। काउंसिलिंग में गड़बड़ी के आरोपों को भी बीएसए ने सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि समिति की निगरानी में सभी महिला शिक्षकों को विकल्पों के आधार पर विद्यालय आवंटित किए गए हैं। गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है जबकि प्राथमिक शिक्षक संघ ने मानकों को ताक पर रखकर विद्यालय आवंटन करने का आरोप लगाया है। लिहाजा विवादों में फंसी काउंसिलिंग को लेकर शिक्षक नेता के तरफ तो स्थानांतरित शिक्षक व क्लर्क एक तरफ हैं। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप व निष्पक्षता को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे हैं।
-----------
वर्जन
प्राथमिक शिक्षक संघ के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। समिति ने निष्पक्ष तरीके से विद्यालयों का आवंटन किया है। तीन विकल्प महिला शिक्षकों से मांगे गए थे, जिसमें पद रिक्त हैं और सूची में वह स्कूल हैं तभी विद्यालय आवंटित किए गए हैं।
-कांता प्रसाद, बीएसए
------------
::इनसेट::
मंडलायुक्त ने सौंपी एडी बेसिक को जांच
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- उत्तराखंड शिक्षामित्र प्रकरण- यह था मामला उत्तराखंड का: शिक्षामित्र संगठन ने फैसले को नकारा : राकेश मणि UPPSMS
- उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने शिक्षामित्र समायोजन रद्द किया: केस पर कुछ इस तरह सफाई दिया शिक्षामित्र संगठन ने
- हाईकोर्ट ने खाली सीटों की मांगी जानकारी, राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कुल कितनी सीटें
- टीईटी उत्तीर्ण न करने वाले शिक्षा मित्रों को हटाया जाए : हाईकोर्ट
- शिक्षामित्रों को HC से झटका, कोर्ट ने शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 23 (2) का बताया उल्लंघन
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना था कि उनको नियुक्ति पत्र शीघ्र दिए जाएं जबकि बीएसए पुरुष शिक्षकों की तैनाती के बाद ही एक साथ सबको नियुक्ति पत्र देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों व क्लर्क को ऐसा न करने की नसीहत दी। काउंसिलिंग में गड़बड़ी के आरोपों को भी बीएसए ने सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि समिति की निगरानी में सभी महिला शिक्षकों को विकल्पों के आधार पर विद्यालय आवंटित किए गए हैं। गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है जबकि प्राथमिक शिक्षक संघ ने मानकों को ताक पर रखकर विद्यालय आवंटन करने का आरोप लगाया है। लिहाजा विवादों में फंसी काउंसिलिंग को लेकर शिक्षक नेता के तरफ तो स्थानांतरित शिक्षक व क्लर्क एक तरफ हैं। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप व निष्पक्षता को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे हैं।
-----------
वर्जन
प्राथमिक शिक्षक संघ के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। समिति ने निष्पक्ष तरीके से विद्यालयों का आवंटन किया है। तीन विकल्प महिला शिक्षकों से मांगे गए थे, जिसमें पद रिक्त हैं और सूची में वह स्कूल हैं तभी विद्यालय आवंटित किए गए हैं।
-कांता प्रसाद, बीएसए
------------
::इनसेट::
मंडलायुक्त ने सौंपी एडी बेसिक को जांच
- केंद्रीय विद्यालय भर्ती 2016 : डायरेक्ट अप्लाई लिंक
- Blog editor : शिक्षामित्र विवाद का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध ही आने की संभावना
- Education Policy Draft : नई शिक्षा नीति 2017- 2018 का इनपुट ड्राफ्ट
- बड़ी खबर : उत्तराखंड में शिक्षामित्रो को टेट से राहत नही , बिना टीईटी पास शिक्षामित्र की जायेगी नौकरी
- Breaking News : बगैर टीईटी वाले शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों की नौकरी खतरे में
- बड़ा फैसला : शिक्षामित्रों को नैनीताल हाईकोर्ट ने किया बाहर
- NCTE ने किया साफ विना टीईटी किये कोई भी शिक्षक के लिए पात्र नहीं : शिक्षामित्र मामले मे आ सकता है अहम फैसला
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments