Friday 28 October 2016

बीटीसी मेरिट के खेल में मोहरा बन रहे शिक्षा विभाग के अफसर

इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता यूपी में शिक्षक भर्ती के अवसर लगातार कम होने और बीटीसी प्रशिक्षुओं की बढ़ती संख्या के बीच मेरिट में अधिक से अधिक नंबर पाने के खेल में शिक्षा विभाग के अफसर मोहरा बन गए हैं। बीटीसी 2013 के अलग-अलग बैच के आंतरिक मूल्यांकन का नंबर बढ़वाने के लिए जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) से इतने अनुरोध आ गए कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को कड़ा पत्र जारी करना पड़ गया।

दरअसल बीटीसी प्रशिक्षण में 50 नंबर का प्रैक्टिकल डायट के स्तर पर दिया जाता है। ये नंबर जोड़कर परीक्षा नियामक प्राधिकारी रिजल्ट जारी करता है। पिछले कुछ समय से प्रदेशभर के विभिन्न डायटों से पत्र मिल रहा है कि लिपिकीय त्रुटि के कारण जो नंबर भेजा गया वह कम था जिसे सुधारते हुए अमुक प्रशिक्षु को अधिक नंबर दे दिए जाएं। कई बार फेल अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाने का अनुरोध हो रहा है जिसके बाद वे पास हो जा रहे हैं।

ऐसे में रुपए लेकर बीटीसी प्रशिक्षुओं के नंबर बढ़वाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ समय में डायटों से ऐसे अनुरोध पत्र मिलने का सिलसिला बढ़ा तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आपत्ति करनी शुरू कर दी। इससे आजिज सचिव नीना श्रीवास्तव ने गुरुवार को सभी डायट प्राचार्यों को कड़ी चिट्ठी लिखकर लिपिकीय त्रुटि नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं।

डायट प्राचार्यों को दिए निर्देश

अंक भेजने के मामले में विशेष सावधानी बरती जाए जिससे भविष्य में लिपिकीय त्रुटि न हो क्योंकि बार-बार परीक्षाफल संशोधित करने पर सरकारी धन का अपव्यय होता है और परीक्षा के महत्व एवं शुचिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है। अत: यह अपेक्षा है कि प्राचार्य अंकों को अग्रसारित करते समय पूर्ण सावधानी बरते जिससे त्रुटि की संभावना नगण्य हो।

नीना श्रीवास्तव, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी
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