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परीक्षा पैटर्न में सुधार : पहली बार पर्चे और कॉपी पर हुई अर्धवार्षिक परीक्षा

एनबीटी, लखनऊ बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा दो से आठवीं तक के स्टूडेंट्स की अर्धवार्षिक परीक्षा गुरुवार से शुरू हो गई। विभाग की ओर से जहां पहली बार परीक्षा पैटर्न में सुधार किया गया। वहीं विभाग के निर्देश के बावजूद शहरों के ज्यादातार स्कूलों में सिटिंग प्लान अव्यवस्थित दिखी।
यही नहीं बीएसए को परीक्षा की निगरानी के लिए सचल दस्ते गठित करने का भी निर्देश दिया गया था। इसमें ज्यादा से ज्यादा स्कूलों का दौरा कर इन्हें परीक्षा व्यवस्था का जायजा लेना था। इसके साथ ही कमियां होने पर शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जानी थी। आलम ये रहा की कहीं भी सचल दस्ता पहुंचा ही नहीं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री और शिक्षक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार परीक्षा में स्टूडेंट्स को कॉपियां और प्रश्न-पत्र दिए गए। पिछले साल तक स्कूलों में ब्लैकबोर्ड पर ही प्रश्नपत्र लिखकर परीक्षा करवाई जाती थी, जबकि स्टूडेंट्स को अपने से घर से कॉपियां लानी होती थी। हालांकि, वार्षिक परीक्षा में स्टूडेंट्स को पर्चे दिए गए थे। उन्होंने बताया कि कॉपियों के लिए इस बार विभाग की ओर से स्कूलों को बजट दिया गया था, जबकि दो दिन पहले हर स्कूल को प्रश्नपत्र मुहैया करवा दिए गए।

सिटिंग प्लान का पता नहीं

इस बार एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि परीक्षा में बच्चों को रोल नम्बर आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही सिटिंग प्लान के मुताबिक बच्चों को परीक्षा कक्ष में बैठाया जाएगा, जो पहले से क्लासरूम के बाहर चिपका होगा। हालांकि, सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत स्कूलों में सिटिंग प्लान थोड़ा व्यवस्थित रहा। शहर के ज्यादातर स्कूलों में पहले की तरह ही बैठाकर परीक्षा करवाई गई।

'बिना गाड़ी और पैसा कैसे होगा दौरा'

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिन चीजों का मद था वह व्यवस्था करवा दी गई, लेकिन सचल दस्ता गठित करने के लिए हमारे पास न तो मद है न ही कोई गाड़ियां। ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारियों के पास कोई सरकारी गाड़ी नहीं हैं। ऐसे में हम सचल दस्ता कैसे भेजें। इसके साथ ही काफी संख्या में शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में भी लगे हैं। ऐसे में परीक्षा के लिए ही शिक्षकों की व्यवस्था करना मुश्किल काम था। हालांकि, ब्लॉक स्तर पर स्कूलों की निगरानी के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए थे।
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