32 हजार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले ने पकड़ा तूल, शिक्षामित्र चले अनशन की राह पर

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्रों का प्रकरण फिर सतह पर आ गया है। सहायक अध्यापक के रूप में समायोजन न होने के बाद अब मानदेय वृद्धि भी नहीं की जा रही है। इसको लेकर सूबे में शिक्षामित्र अनशन कर रहे हैं।
कई जिलों में उनकी हालत खराब हो रही है। अब 27 दिसंबर से शिक्षामित्रों ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट का मामला विचाराधीन है। महंगाई के युग में प्रशिक्षित होकर भी उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है। इसके लिए दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कई बार मुख्यमंत्री से मांग की है, लेकिन समायोजन न होने तक उनका मानदेय बढ़ाने की अनसुनी हुई। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपने हक के लिए अनशन के रास्ते पर चल पड़े हैं। बलिया, बनारस, इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए दो दिन से कर रहे हैं।
बलिया में अवशेष शिक्षामित्र गीता पाठक, सुशीला वर्मा की हालत नाजुक बनी हुई और दोनों को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। ऐसे में दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने प्रदेश के समायोजित एवं असमायोजित शिक्षामित्रों से अवशेष शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि के समर्थन में 27 दिसंबर से कार्य बहिष्कार का एलान किया है।

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