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एनसीटीई की ओर से 12 जनवरी को बिन्दुवार भेजा जवाब , शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी मेरिट अनिवार्य नहीं

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी मेरिट अनिवार्य नहीं है। देशभर में शिक्षक भर्ती की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने वाली संस्थान राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई)
ने आधा दर्जन से अधिक आरटीआई के जवाब में यह साफ किया है कि टीईटी अंकों को वरीयता या नहीं देना राज्य सरकार का अधिकार है।

हाईकोर्ट से अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां और 16वां संशोधन निरस्त होने के बाद पिछले चार साल में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्त यूपी के तकरीबन एक लाख शिक्षकों की नौकरी संकट में है। हाईकोर्ट के एक दिसंबर 2016 के फैसले के बाद कई शिक्षकों ने एनसीटीई से आरटीआई में टीईटी मेरिट के संबंध में पूछताछ की।आरटीआई के जवाब में एनसीटीई ने साफ कर दिया है कि टीईटी मेरिट बाध्यकारी नहीं है।

टीईटी पात्रता परीक्षा है इसके अंकों को शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य करना या नहीं करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। यह मात्र एक सुझाव है।प्रबल प्रताप की 13 दिसंबर 2016 को भेजी आरटीआई के प्रश्न

1.एकेडमिक मेरिट के आधार पर की गई सहायक अध्यापकों की भर्तियां वैध है या अवैध। 2.क्या टीईटी या सीटीईटी मेरिट या वेटेज के आधार पर चयन करना राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी है। 3. क्या टीईटी या सीटीईटी मात्र एक पात्रता परीक्षा है।

एनसीटीई की ओर से 12 जनवरी को बिन्दुवार भेजा जवाब

1.सभी राज्य व केन्द्र सरकार के संस्थानों को निर्देशित किया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का ही एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर अध्यापक के रूप में नियुक्ति करें।
2. यह मात्र एक सुझाव है।
3. यह एक मात्र पात्रता परीक्षा है।
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