2 नवम्बर 2015 के बाद से दीपक मिश्रा ने #शिक्षामित्र केस को कभी 72825 से जोड़ा तो कभी अलग किया बस, आज तक नाम-मात्र की बहस नही हुई है। क्या ये हदधर्मिता नही है न्यायालय की...???
●इस देश में कुल #3.5करोड़ केस आज तक पेंडिंग में पड़े होने में क्या जज सहभागी नही...???
●आखिर क्यों जजो की कमी का रोना रो रहे थे चीफ जस्टिस,जबकि केस पड़े पड़े वर्षो बीत जाते हैं लेकिन एक केस पर फैसला तो दूर,बहस तक कराना जरूरी नही समझी कोर्ट,क्या ये गलत नही...???
◆आखिर जब हाइकोर्ट को माननीय SC निर्देश दे सकता है कि शिक्षामित्र केस 3 महीने में सुन के फैसला दो,
तो क्या SC को इस तरह की समय सीमा में क्यों बाँधा नहीं जा सकता...??
आखिर कोई तो हो जो SC पर नियंत्रण रख सके,
क्या ये गलत न माना जाये कि जज कुर्सी पर बैठने से पहले #अगली #डेट लिखवा देते हैं...???
●अगर SC के जज प्राथमिक शिक्षा की इतनी फ़िक्र अपने फैसलों में दिखाते हैं,
तो आखिर क्यों देश के चौथे सबसे बड़े प्रदेश की बेसिक शिक्षा में आज तक कोई फैसला क्यों नही दिया गया जबकि शिक्षामित्र बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं...???
●पिछले 4 साल पहले 72825 की भर्ती SC में सिर्फ इस बात के लिए गयी थी कि *चयन का आधार* क्या हो...??
लेकिन 4 वर्षों में SC चयन का आधार क्यों तय नही कर सका जबकि प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में शिक्षकों का चयन जरूरी होता है ..???
●आखिर क्यों #याची_राहत जैसी चीजें करने को कोर्ट को मजबूर होना पड़ा,यदि यही 72825 का फैसला समय से आया होता तो क्या 1100 याचियों को जॉब मिलती जबकि उनसे कही ज्यादा योग्यता रखने वाले लोग सड़कों पर हैं....??
आखिर क्यों याची राहत को न्याय में देरी का सबूत न समझा जाये...???
◆सभी नॉर्म्स को पूरा करने वाला शख्स अपने चयन के आधार के लिए लड़ें जबकि याची बिना कोई फॉर्म भरे,बिना किसी आधार के चयन पा जाएँ,
क्या कोर्ट का ये तरीका गलत नही है...???
वक़्त बहुत कुछ कहेगा
और फैसला भी आएगा
लेकिन वही देर सवेर
लेकिन अफ़सोस की आजकल कुछ फैसले भी राजनितिक रूप लेने लगे हैं ।
इन सब चीजों में फँसता है आम आदमी जब वो एक हियरिंग के लिए लाखों रूपये खर्च करता है और उसे मिलती है #डेट..
आखिर कबतक हम सब कहेंगे
तारीख पे तारीख
आज फिर 22 फरवरी के साथ समस्त केस को टैग कर दिया , अब 22 फरवरी को एक और डेट मिलेगी जुलाई की वो भी सारे केस को डिटैग करने के लिए ।
हे भगवान तू ही कुछ कर और न्याय दिला ....
एक उम्मीद के साथ 22 फरवरी के इंतजार में आँखों में हल्की सी नमी लिए हुए
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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- 13 शिक्षकों को सेवा समाप्ति और रिकवरी का नोटिस
- शिक्षकों को मिलेगी छुट्टियों की सौगात
- एनसीटीई की ओर से 12 जनवरी को बिन्दुवार भेजा जवाब , शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी मेरिट अनिवार्य नहीं
- ब्रेकिंग न्यूज़ सुप्रीम कोर्ट : आज वो ही हुआ जिसकी सम्भावना थी , मैटर 22 फरवरी को टैग : उच्च प्राथमिक शिक्षक संघ
- दीपक मिश्रा जी का 22 फरवरी को जूनियर मैटर भी टैग करना महेंद्र सिंह धोनी की बैटिंग गेम प्लान की याद दिला रहा है .....
- सुप्रीमकोर्ट अपडेट : अब 22 फरवरी को शिक्षा मित्र, 72825, एकेडमिक केस सब एक साथ पूरा दिन
●इस देश में कुल #3.5करोड़ केस आज तक पेंडिंग में पड़े होने में क्या जज सहभागी नही...???
●आखिर क्यों जजो की कमी का रोना रो रहे थे चीफ जस्टिस,जबकि केस पड़े पड़े वर्षो बीत जाते हैं लेकिन एक केस पर फैसला तो दूर,बहस तक कराना जरूरी नही समझी कोर्ट,क्या ये गलत नही...???
◆आखिर जब हाइकोर्ट को माननीय SC निर्देश दे सकता है कि शिक्षामित्र केस 3 महीने में सुन के फैसला दो,
तो क्या SC को इस तरह की समय सीमा में क्यों बाँधा नहीं जा सकता...??
आखिर कोई तो हो जो SC पर नियंत्रण रख सके,
क्या ये गलत न माना जाये कि जज कुर्सी पर बैठने से पहले #अगली #डेट लिखवा देते हैं...???
●अगर SC के जज प्राथमिक शिक्षा की इतनी फ़िक्र अपने फैसलों में दिखाते हैं,
तो आखिर क्यों देश के चौथे सबसे बड़े प्रदेश की बेसिक शिक्षा में आज तक कोई फैसला क्यों नही दिया गया जबकि शिक्षामित्र बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं...???
●पिछले 4 साल पहले 72825 की भर्ती SC में सिर्फ इस बात के लिए गयी थी कि *चयन का आधार* क्या हो...??
लेकिन 4 वर्षों में SC चयन का आधार क्यों तय नही कर सका जबकि प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में शिक्षकों का चयन जरूरी होता है ..???
●आखिर क्यों #याची_राहत जैसी चीजें करने को कोर्ट को मजबूर होना पड़ा,यदि यही 72825 का फैसला समय से आया होता तो क्या 1100 याचियों को जॉब मिलती जबकि उनसे कही ज्यादा योग्यता रखने वाले लोग सड़कों पर हैं....??
आखिर क्यों याची राहत को न्याय में देरी का सबूत न समझा जाये...???
◆सभी नॉर्म्स को पूरा करने वाला शख्स अपने चयन के आधार के लिए लड़ें जबकि याची बिना कोई फॉर्म भरे,बिना किसी आधार के चयन पा जाएँ,
क्या कोर्ट का ये तरीका गलत नही है...???
वक़्त बहुत कुछ कहेगा
और फैसला भी आएगा
लेकिन वही देर सवेर
लेकिन अफ़सोस की आजकल कुछ फैसले भी राजनितिक रूप लेने लगे हैं ।
इन सब चीजों में फँसता है आम आदमी जब वो एक हियरिंग के लिए लाखों रूपये खर्च करता है और उसे मिलती है #डेट..
आखिर कबतक हम सब कहेंगे
तारीख पे तारीख
आज फिर 22 फरवरी के साथ समस्त केस को टैग कर दिया , अब 22 फरवरी को एक और डेट मिलेगी जुलाई की वो भी सारे केस को डिटैग करने के लिए ।
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