सुप्रीम कोर्ट ने दी 24 हफ्ते के गर्भपात की मंजूरी

आइएएनएस : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गर्भपात से जुड़ा एक असाधारण फैसला दिया। अदालत ने 24 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की मंजूरी दे दी। ऐसा कोर्ट ने अस्पताल की रिपोर्ट के आधार पर किया। रिपोर्ट में गर्भावस्था को जारी रखने पर उसकी जान जाने का खतरा बताया गया था।
महिला मुंबई की रहने वाली है। 1सात डॉक्टरों के बोर्ड ने जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव को बताया कि 22 वर्षीय महिला के गर्भ में पल रहे अविकसित सिर वाले भ्रूण की जन्म के बाद बचने की संभावना नहीं है। केईएम अस्पताल में महिला की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड ने कहा कि गर्भावस्था पूरी होने देने से मां के जीवन को खतरा हो सकता है। इसके बाद अदालत ने महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। गर्भपात अदालत में आए सात डॉक्टरों की टीम द्वारा ही किया जाएगा। इस संबंध में प्रक्रिया का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।
मालूम हो, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट (एमटीपी) के तहत, सामान्य स्थितियों में 12 सप्ताह तक गर्भपात किया जा सकता है। 12 से 20 सप्ताह की अवस्था में दो डॉक्टरों की टीम के इजाजत देने पर गर्भपात किया जा सकता है। इसके बाद गर्भपात की इजाजत नहीं है। ऐसा करने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि, अगर मां या बच्चे को खतरा हो तो गर्भपात की छूट दी गई है।

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