बढ़ सकता है शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का मानदेय, केंद्र ने दस हजार रुपये करने पर विचार करने को कहा, अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में भी होगी वृद्धि

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे शिक्षामित्रों की मुराद जल्द ही पूरी हो सकती है। 27 मार्च को नई दिल्ली में हुई सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार ने शिक्षामित्रों का मासिक मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने पर विचार करने पर सहमति जतायी है।
अभी शिक्षामित्रों को 3500 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता है। यदि केंद्र सरकार ने राज्य की ओर से भेजे गए
प्रस्ताव पर मुहर लगायी तो प्रदेश के 26,504 शिक्षामित्रों के मानदेय में तकरीबन तीन गुने का इजाफा हो जाएगा।
एसएसए के राज्य परियोजना कार्यालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए उत्तर प्रदेश की जो वार्षिक कार्ययोजना प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की मंजूरी के लिए भेजी थी, उसमें शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रस्ताव था। एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक डॉ.वेदपति मिश्र ने बताया कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि असल स्थिति प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक का कार्यवृत्त जारी होने पर पता चलेगी। इससे पहले पिछले दो वर्षो में भी राज्य की ओर शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था लेकिन, प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में नामंजूर कर दिया गया था।
बढ़ेगा अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय : प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार ने अंशकालिक अनुदेशकों का मासिक मानदेय बढ़ाकर 10,000 रुपये करने पर भी सहमति जतायी है। अंशकालिक अनुदेशकों को अभी 8470 रुपये मासिक मानदेय मिलता है। राज्य कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू होने के क्रम में एसएसए के राज्य परियोजना कार्यालय ने अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर 17,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव भेजा था। प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से पहले तो अनुदेशकों के मानदेय में सिर्फ 10 प्रतिशत वृद्धि की बात की गई लेकिन, बाद में इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये करने पर सहमति बनी। सहमति के इस बिंदु पर अमल होने पर प्रदेश के 30,949 अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में लगभग डेढ़ हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। राज्य सरकार ने वार्षिक कार्ययोजना के तहत 23,538 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे थे, जिसमें से प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने 20,500 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें से लगभग 17,500 करोड़ रुपये वेतन खर्च के हैं।

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