UPTET के 7 अप्रैल को क्या रणनीति होनी चाहिए , हमारी टीम पूरी तरह से मुस्तैद

UPTET के 7 अप्रैल को क्या रणनीति होनी चाहिए
72825 परिवार के सम्मानित शिक्षकों आज त्रिपुरा के 10000 शिक्षकों के केस पर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा परिचर्चा हो रही है। हम भी अपने aor विवेक सिंह जी के माध्यम से इस केस पर कल से ही नजर रखे हुए थे।
यह केस 2014 में त्रिपुरा सरकार के द्वारा त्रिपुरा हाई कोर्ट के आर्डर के विरुद्ध दाखिल किया गया था। इस केस और अपने केस में महज इतनी ही साम्यता है कि माननीय त्रिपुरा हाईकोर्ट ने 10000 शिक्षकों की सेवा इस लिये समाप्त किया क्योंकि उनकी नियुक्ति में नियमावली का अनुपालन नही हो रहा था।जैसा कि विरोधी ओल्ड एड की कमियों के तौर पर गिनाते हैं कि महिला पुरुष वर्गीकरण मौजूद है ,कला विज्ञान वर्गीकरण मौजूद है।
इसके अतिरिक्त ncte की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं होना भी त्रिपुरा के शिक्षकों के विरुद्ध गया।
त्रिपुरा हाईकोर्ट में 10000 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश पारित करते हुए यह कहा था कि राज्य सरकार नई भर्ती नियमावली बनाएं तथा उसके आधार पर नई नियुक्तियां करे। त्रिपुरा सरकार हाई कोर्ट के आर्डर के विरुद्ध slp लेकर 2014 में सुप्रीम कोर्ट आई और प्रथम डेट पर ही स्टे ले लिया।
तब से अब तक 10 बार यह केस लिस्टेड हुआ है परंतु कल 28 मार्च को माननीय आदर्श गोयल और माननीय यू यू ललित की बेंच में पूरे दिन सुना गया। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी पी राव और और त्रिपुरा के 10000 नियुक्त शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन बहस कर रहे थे जबकि जॉब न पाए हो प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद जी बहस कर रहे थे। माननीय आदर्श गोयल और ललित साहब वरिष्ठ अधिवक्ता पीपीराव और राजीव धवन के बहससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे थे।
क्योंकि कल सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी अतः यह केस आज 29 मार्च को पार्ट हर्ड मैटर के तौर पर पुनः लिस्टेड था। क्योंकि आज विवेक सिंह जी अपने अन्य केसों में व्यस्त थे अतः उन्होंने फोन नहीं पिक किया इस कारण आज की अपडेट देने में सक्षम नहीं हूं।
हमारी टीम पूरी तरह से मुस्तैद है और 7 अप्रैल को क्या रणनीति होनी चाहिए इस पर विवेक सिंह जी से कल चर्चा-परिचर्चा करेगी।
आपका साथी
निर्भय सिंह
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