प्रश्न : 72825 पदों में जब 66550 पद भर गए है तो 12091 को नियुक्ति कैसे मिलेगी ?

उत्तर --- अब इसका उत्तर तो सचिव को देना चाहिए कि जब 75000 प्रतिवेदनों में 12091 पात्र अभ्यर्थी कटऑफ के ऊपर है तो इनको दिए बिना 66 हजार लोगों को कैसे दे दिया।
जिसको दे दिया कोर्ट उसको छेड़ेगा भी नही और यदि कोर्ट ने अपने आर्डर में 12091 की लिस्ट को नियुक्ति देने को कह दिया तो इसके खिलाफ सरकार एस एल पी लेकर कही जा भी नही सकती। अतः आज की तारीख में 12091 का आर्डर आने के पहले भी सरकार अब 12091 का विरोध नही कर सकती और आर्डर के बाद पालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भारत मे अपील सुनने का अन्य कोई न्यायालय भी नही है। अतः यह मुद्दा हमारे चिंता का सबब न होकर सचिव की चिंता का सबब होना चाहिए

हाँ इस प्रश्न का एक दूसरा पहलू ये भी है कि ऐसा तो नही की इस लिस्ट के पूरे 12091 के साथी अभी तक बेरोजगार ही है। क्योंकि जब ये लिस्ट आयी थी तब भी कुछ ऐसे लोग थे जो जॉब पा चुके थे। और बाद में भी ऐसे लोग नियुक्ति पाते रहे है जिनका नाम लिस्ट में है। संभव है आज की डेट में लोग बचे ही 6 हजार हो।
मुश्किल नही है कि सचिव केवल उन्हीं लोगों को ही नियुक्ति दे जिसके पास अपने 12091 की लिस्ट में नाम होने का प्रमाण हो तो ऐसी स्थिति में याची लाभ प्राप्त कर रहे ढेर जो साथी लिस्ट में अपना नाम होने का प्रमाण भी न दे सकेगा, उसकी नियुक्ति बमुश्किल ही हो पाए। तो संख्या अपने आप सचिव मैनेज कर लेंगे।
एक अन्य बात कोर्ट ने कल एक बार भी यह नही कहा कि पद किसी भी हाल में 72825 से ज्यादा न भरे जाय। कोर्ट ने 7 दिसंबर के अपने अंतरिम आर्डर में कोई छूट नही दी है,
और इस संबंध में 1100 याचियों की नियुक्ति को सचिव पहले ही अपने एफिडेविट में 72825 से बाहर बता चुके है, ऐसे में यदि किसी अंतरिम आर्डर को फॉलो करने में पद 72825 से ज्यादा भी हो जाएंगे तो कोर्ट लिबरल ही रहेगी।
क्योंकि कोर्ट 72825 में नियुक्त कैंडिडेट को लेकर समझौता वादी रुख अख्तियार कर चुकी है।

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