बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के तबादले में अफसर चहेतों को लाभ पहुंचाने का खेल नहीं कर सकेंगे, बल्कि तबादले का आधार तैयार किया गया सॉफ्टवेयर होगा।
परिषद के पांच लाख से अधिक शिक्षकों का समायोजन, जिले के अंदर स्थानांतरण व दूसरे जिले में तबादले के लिए पिछले वर्ष की तरह ही ऑनलाइन आवेदन इस बार भी लिए जाने हैं। दोनों वर्ष की प्रक्रिया में सबसे बड़ा अंतर सॉफ्टवेयर का है। विभाग ने इस तरह का सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, जिसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है। इसमें सब कुछ शिक्षकों के ही हाथ में है। अफसरों को केवल मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया गया है। यानी शिक्षकों के अप्रैल माह का सैलरी डाटा अपलोड करना,
सभी शिक्षकों की सेवा पुस्तिका के जरूरी सूचनाएं अपडेट करना और अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षकों ने अपने समायोजन के लिए आवेदन किया गया है या नहीं। इसके बाद समय सारिणी के अनुसार शिक्षकों को ही ऑनलाइन आवेदन करना है। जिलों में समायोजन की प्रक्रिया शुरू है, जो 30 जून तक चलती रहेगी। सॉफ्टवेयर में शिक्षक जैसे ही अपने संबंधित सूचनाएं दर्ज करेंगे, उसी के सापेक्ष उन्हें अंक मिलेंगे, मसलन जितने वर्ष की कुल सेवा है यह दर्ज करते ही उतने अंक उन्हें हासिल होंगे, महिला शिक्षिका है तो पांच अंक अलग से मिलेंगे, दिव्यांग को पांच अंक और असाध्य रोगी शिक्षक को भी पांच अंक मिलेंगे। यह अंक ही शिक्षक के समायोजन, स्थानांतरण और गैर जिले में तबादले का प्रमुख आधार होंगे। अधिक अंक पाने वालों को ही अपनी पसंद के विद्यालय, जिला में जाने का पहले मौका मिलेगा। जिलाधिकारी या फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी इन अंकों में हेरफेर नहीं कर सकेंगे और न ही कम अंक वाले शिक्षक को पहले विद्यालय आवंटित कर पाएंगे। तबादलों में इन अफसरों की भूमिका केवल यह देखने भर की होगी कि जो सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड की गई हैं, वह पूरी तरह से सही हैं या नहीं। अतिरिक्त शिक्षक को ऑनलाइन आवेदन करना ही होगा, यदि वह आवेदन नहीं करता है तो बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने मन मुताबिक विद्यालय में उसे भेज सकता है। गड़बड़ी रोकने को तबादलों में पैन कार्ड व आधार अनिवार्य किया गया है।
तमाम जिलों में चल रही फीडिंग
शासन ने बेसिक शिक्षकों के समायोजन, स्थानांतरण व अंतर जिला तबादले का आदेश जारी कर दिया है और 30 जून तक समायोजन के आवेदन होने हैं लेकिन, सूबे के कई जिलों में अभी शिक्षकों की सूचनाएं सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जा रही हैं इससे यह प्रक्रिया जुलाई में ही पूरी हो पाने के आसार हैं।
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परिषद के पांच लाख से अधिक शिक्षकों का समायोजन, जिले के अंदर स्थानांतरण व दूसरे जिले में तबादले के लिए पिछले वर्ष की तरह ही ऑनलाइन आवेदन इस बार भी लिए जाने हैं। दोनों वर्ष की प्रक्रिया में सबसे बड़ा अंतर सॉफ्टवेयर का है। विभाग ने इस तरह का सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, जिसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है। इसमें सब कुछ शिक्षकों के ही हाथ में है। अफसरों को केवल मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया गया है। यानी शिक्षकों के अप्रैल माह का सैलरी डाटा अपलोड करना,
सभी शिक्षकों की सेवा पुस्तिका के जरूरी सूचनाएं अपडेट करना और अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षकों ने अपने समायोजन के लिए आवेदन किया गया है या नहीं। इसके बाद समय सारिणी के अनुसार शिक्षकों को ही ऑनलाइन आवेदन करना है। जिलों में समायोजन की प्रक्रिया शुरू है, जो 30 जून तक चलती रहेगी। सॉफ्टवेयर में शिक्षक जैसे ही अपने संबंधित सूचनाएं दर्ज करेंगे, उसी के सापेक्ष उन्हें अंक मिलेंगे, मसलन जितने वर्ष की कुल सेवा है यह दर्ज करते ही उतने अंक उन्हें हासिल होंगे, महिला शिक्षिका है तो पांच अंक अलग से मिलेंगे, दिव्यांग को पांच अंक और असाध्य रोगी शिक्षक को भी पांच अंक मिलेंगे। यह अंक ही शिक्षक के समायोजन, स्थानांतरण और गैर जिले में तबादले का प्रमुख आधार होंगे। अधिक अंक पाने वालों को ही अपनी पसंद के विद्यालय, जिला में जाने का पहले मौका मिलेगा। जिलाधिकारी या फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी इन अंकों में हेरफेर नहीं कर सकेंगे और न ही कम अंक वाले शिक्षक को पहले विद्यालय आवंटित कर पाएंगे। तबादलों में इन अफसरों की भूमिका केवल यह देखने भर की होगी कि जो सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड की गई हैं, वह पूरी तरह से सही हैं या नहीं। अतिरिक्त शिक्षक को ऑनलाइन आवेदन करना ही होगा, यदि वह आवेदन नहीं करता है तो बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने मन मुताबिक विद्यालय में उसे भेज सकता है। गड़बड़ी रोकने को तबादलों में पैन कार्ड व आधार अनिवार्य किया गया है।
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शासन ने बेसिक शिक्षकों के समायोजन, स्थानांतरण व अंतर जिला तबादले का आदेश जारी कर दिया है और 30 जून तक समायोजन के आवेदन होने हैं लेकिन, सूबे के कई जिलों में अभी शिक्षकों की सूचनाएं सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जा रही हैं इससे यह प्रक्रिया जुलाई में ही पूरी हो पाने के आसार हैं।
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