शिक्षा मित्रों ने की बच्चों को आतंकवादी बनाने की घोषणा , तमिलनाडु का दिया उदाहरण

शिक्षा मित्रों ने की बच्चों को आतंकवादी बनाने की घोषणा
शिक्षा मित्रों ने भरी हुंकार, बेसिक शिक्षा मंत्री को भेजा मांगपत्र
तमिलनाडु का दिया उदाहरण1धरने के दौरान शिक्षा मित्रों ने तमिलनाडु के जली कुट्टी का उदाहरण रखा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट के फैसले को बदलने का कार्य किया है, ठीक उसी प्रकार 1.72 लाख शिक्षा मित्रों को राहत देने के लिए अध्यादेश लाया जाए। उन्होंने मांगे पूरी होने तक लखनऊ-दिल्ली एक करने और आमरण अनशन की चेतावनी भी दी।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर: समायोजन रद करने के विरोध में शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। मंच से मांग पूरी न होने पर बच्चों को डेढ़ वर्ष में नक्सली और आतंकवादी बनाने की घोषणा की गई। धरने पर पहुंचे बीएसए को शिक्षा मित्रों ने बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित मांगपत्र सौंपा। धरनास्थल की चारों ओर से आरएएफ ने घेराबंदी कर रखी थी। 1गुरुवार की सुबह से ही शिक्षा मित्रों के पहुंचने की आमद के मद्देनजर धरनास्थल को आरएएफ ने अपने घेरे में ले लिया था। आदर्श शिक्षक समायोजित वेलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष अंजू कश्यप व उप्र शिक्षा मित्र संगठन के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर हुंकार भरी। शिक्षा मित्र गुरदीप सिंह ने अपने भाषण से धरनास्थल पर सनसनी फैला दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने 17 साल तक स्कूलों में बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने का काम किया। अब यदि उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो अगले डेढ़ वर्ष में बच्चों को नक्सली व आतंकवादी बनाने का काम करेंगे, जिसे इस सरकार के लिए संभालना मुश्किल हो जायेगा। मौके पर मौजूद एलआइयू के लोग भी बयान बयान सुनकर सतर्क हो गए। जिलाध्यक्ष अंजू कश्यप व नरेश कुमार का कहना था कि फैसले से समायोजित शिक्षक निराश व हताश हैं। प्रदेश सरकार ने अभी तक उन्हें कोई आश्वासन देने का काम नही किया, जिससे आक्रोश गहरा रहा है।1 चेतावनी दी कि जब तक उन्हें खोया सम्मान वापिस नही मिल जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। इसके लिए चाहे कोई भी आहुति देनी पड़े। धरने पर पहुंचे बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी व सहारनपुर देहात के विधायक मसूद अख्तर ने आंदोलनकारी शिक्षा मित्रों की मांगों को पूरी तरह जायज बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश और केन्द्र दोनों जगह भाजपा की सरकार हैं। उन्हें कानून में संशोधन कर शिक्षा मित्रों को राहत देनी चाहिए। प्रदेश उपाध्यक्ष नौशाद अहमद ने कहा कि सरकार द्वारा अभी तक शिक्षा मित्रों को कोई आश्वासन न देना दुर्भाग्यपूर्ण है। 1तीसरे पहर तक चले धरने पर एक के बाद एक कई शिक्षा मित्रों ने एकजुटता का नारा लगाते हुए भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। 1दोपहर बाद धरने पर पहुंचे बीएसए रमेन्द्र सिंह को शिक्षा मित्रों ने बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित मांगपत्र सौंपा। बीएसए ने मांगपत्र को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। धरने पर तहसीन, अहसान, प्रवेज आलम, संदीप कुमार, रविंद्र कुमार, सुशील त्यागी, विजेन्द्र शर्मा, अमित शर्मा, जनक सिंह, रविकांत यादव, निरंजन सिंह, रामकुमार, अहसान अली सहित सैकड़ों शिक्षा मित्र थे।1जागरण संवाददाता, सहारनपुर: समायोजन रद करने के विरोध में शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। मंच से मांग पूरी न होने पर बच्चों को डेढ़ वर्ष में नक्सली और आतंकवादी बनाने की घोषणा की गई। धरने पर पहुंचे बीएसए को शिक्षा मित्रों ने बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित मांगपत्र सौंपा। धरनास्थल की चारों ओर से आरएएफ ने घेराबंदी कर रखी थी। 1गुरुवार की सुबह से ही शिक्षा मित्रों के पहुंचने की आमद के मद्देनजर धरनास्थल को आरएएफ ने अपने घेरे में ले लिया था। आदर्श शिक्षक समायोजित वेलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष अंजू कश्यप व उप्र शिक्षा मित्र संगठन के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर हुंकार भरी। शिक्षा मित्र गुरदीप सिंह ने अपने भाषण से धरनास्थल पर सनसनी फैला दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने 17 साल तक स्कूलों में बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने का काम किया। अब यदि उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो अगले डेढ़ वर्ष में बच्चों को नक्सली व आतंकवादी बनाने का काम करेंगे, जिसे इस सरकार के लिए संभालना मुश्किल हो जायेगा। मौके पर मौजूद एलआइयू के लोग भी बयान बयान सुनकर सतर्क हो गए। जिलाध्यक्ष अंजू कश्यप व नरेश कुमार का कहना था कि फैसले से समायोजित शिक्षक निराश व हताश हैं। प्रदेश सरकार ने अभी तक उन्हें कोई आश्वासन देने का काम नही किया, जिससे आक्रोश गहरा रहा है।1 चेतावनी दी कि जब तक उन्हें खोया सम्मान वापिस नही मिल जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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