4000 परिवारों की दीवाली पर संकट

गोंडा: दीपावली पर्व के दो दिन पहले से ही बाजार गुलजार हो जाते हैं। परिवार के लोग जरूरतों की लिस्ट बनाने लगते हैं। बच्चों को कपड़ा दिलाने से लेकर तमाम ख्वाहिशें होती हैं, लेकिन हाथ में रुपये न हों तो सब बेकार।
ऐसे में बच्चों के सामने स्थिति क्या होगी? इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। इसी हालात के शिकार बेसिक शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्य कर रहे चार हजार परिवार हुए। विभागीय अफसरों की लापरवाही से दीपपर्व पर भी इनके घरों में अभाव का अंधेरा रहेगा। बेसिक शिक्षा विभाग 2100 प्रेरक कार्य कर रहे हैं। इन्हें पिछले दीपावली से मानदेय नहीं दिया गया है। सितंबर में शासन ने मानदेय के लिए धनराशि जारी कर दी है, लेकिन खाता ट्रांसफर न होने के कारण भुगतान फंस गया। योजना अवधि समाप्त होने की बात कहकर खर्च पर रोक लगा दी गयी। अब मिशन को आगे बढ़ा दिया। धनराशि भी खाते में डंप है, लेकिन अब तक भुगतान के लिए जरूरी कार्यवाही नहीं की गयी। शिक्षामित्रों के साथ भी यही हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारियों ने ब्लॉकवार रिपोर्ट नहीं दी। दो हजार शिक्षामित्र एरियर व मानदेय से वंचित रह गए। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक मुलाकात कर भुगतान कराने की मांग की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि भुगतान के लिए बीईओ द्वारा आवश्यक प्रक्रिया नहीं पूरी की जा सकी होगी, इस कारण ऐसा हुआ। बात करके आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
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