देवरिया: शहर के महाराजा अग्रसेन बालिका विद्यालय में शिक्षक पात्रता
परीक्षा देने आए बीटीसी 2015 के प्रशिक्षणार्थियों को उस समय निकाल दिया
गया, जब वह आधा प्रश्न पत्र हल कर चुके थे।
बाहर निकलते ही अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया और मुख्य मार्ग जाम करने के साथ ही गेट पर बैठ गए। हंगामा बढ़ते देख डीआइओएस, बीएसए समेत अन्य अधिकारी भी उनसे बात करने तो पहुंचे, लेकिन अभ्यर्थियों ने उन्हें वापस कर दिया। साथ ही परीक्षा निरस्त करने की मांग की। उधर इनके हंगामा को देखते हुए परीक्षा समाप्त होने के बाद अन्य अभ्यर्थियों को विद्यालय के दूसरे गेट से निकाला गया।
शिक्षक पात्रता परीक्षा सुबह से ही जनपद के विभिन्न विद्यालयों में शुरू हो गई। बीएड, बीटीसी व अन्य परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी इसमें हिस्सा ले रहे थे। शहर के महाराजा अग्रसेन इंटर कालेज में परीक्षा चल रही थी। इसमें बीटीसी 2015 के भी प्रशिक्षणार्थी भी हिस्सा ले रहे थे। इसी बीच केंद्र व्यवस्था ने इस बैच के सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित करने की बात कहते हुए विद्यालय से बाहर कर दिया, जिसमें बजरहा निवासी संजू, सलेमपुर के रामपुर बुजुर्ग निवासी प्रीति यादव, मगहरा निवासी अंजू, बरसाथ निवासी वंदना, मझौलीराज निवासी प्रीति, परसिया भगौती निवासी प्रतिभा यादव, मगहरा निवासी खुशबू, सलेमपुर निवासी आशुतोष कुमार समेत अन्य अभ्यर्थी शामिल थे। बाहर निकलते ही उन्हें हंगामा करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि अगर उनको परीक्षा नहीं दिलानी थी तो उनका रोल नंबर व क्लास सीट क्यों लगा दिया गया? इतना ही नहीं, उन्होंने 50 फीसद प्रश्न का हल भी कर दिया है। अगर उन्हें परीक्षा से वंचित करने का कोई आदेश आया है तो दिखाया जाय। किसी अन्य विद्यालय पर यह क्यों नहीं किया गया? क्षेत्राधिकारी बरहज वरुण कुमार मिश्र ने उन्हें समझाने का प्रयास तो किया, लेकिन अभ्यर्थियों ने उनकी बात मानने से इन्कार कर दी। बाद में अन्य अधिकारी भी उन्हें समझाने पहुंचे, लेकिन उनकी भी बात अभ्यर्थियों ने नहीं मानी। इनके हंगामा के चलते डेढ़ घंटे तक मार्ग जाम रहा और गेट जाम होने के चलते अन्य अभ्यर्थी को पिछले रास्ते से बाहर निकाला।
-------
..और जब बीएसए पर भड़क गए अभ्यर्थी
अभ्यर्थी जब हंगामा करने लगे तो सीओ ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। सूचना के बाद मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र कुमार पहुंच गए और उन्हें समझाने लगे। अभ्यर्थी केवल एक ही बात कह रहे थे कि उन्हें किस आदेश से परीक्षा से वंचित किया जा रहा है? जिस पर वह चुप्पी साध गए और एक अभ्यर्थी से उसकी जाति पूछ दी। इसके बाद तो बीएसए से वहां से चले जाने की बात कहने लगे। अंत में बीएसए वहां से लौट गए।
----
कहीं प्रश्न पत्र तो नहीं हो गया लीक
जिन अभ्यर्थी को बाहर निकाला गया, वह 50 प्रतिशत तक प्रश्न पत्र हल कर चुके थे, इतना ही नहीं वह बाहर निकलने के बाद जितना प्रश्न पत्र आया था उसे बताने लगे, जिसका कुछ लोगों ने वीडियो बनाया और वायरल कर दिया। ऐसे में तो यह भी कहा जा सकता है कि प्रश्न पत्र भी लीक हो गया हो। उधर बीएसए व डीआइओएस के सामने जब अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र का कोड व प्रश्न संख्या और उसका उत्तर बताया तो वह भी परेशान हो गए।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
बाहर निकलते ही अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया और मुख्य मार्ग जाम करने के साथ ही गेट पर बैठ गए। हंगामा बढ़ते देख डीआइओएस, बीएसए समेत अन्य अधिकारी भी उनसे बात करने तो पहुंचे, लेकिन अभ्यर्थियों ने उन्हें वापस कर दिया। साथ ही परीक्षा निरस्त करने की मांग की। उधर इनके हंगामा को देखते हुए परीक्षा समाप्त होने के बाद अन्य अभ्यर्थियों को विद्यालय के दूसरे गेट से निकाला गया।
शिक्षक पात्रता परीक्षा सुबह से ही जनपद के विभिन्न विद्यालयों में शुरू हो गई। बीएड, बीटीसी व अन्य परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी इसमें हिस्सा ले रहे थे। शहर के महाराजा अग्रसेन इंटर कालेज में परीक्षा चल रही थी। इसमें बीटीसी 2015 के भी प्रशिक्षणार्थी भी हिस्सा ले रहे थे। इसी बीच केंद्र व्यवस्था ने इस बैच के सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित करने की बात कहते हुए विद्यालय से बाहर कर दिया, जिसमें बजरहा निवासी संजू, सलेमपुर के रामपुर बुजुर्ग निवासी प्रीति यादव, मगहरा निवासी अंजू, बरसाथ निवासी वंदना, मझौलीराज निवासी प्रीति, परसिया भगौती निवासी प्रतिभा यादव, मगहरा निवासी खुशबू, सलेमपुर निवासी आशुतोष कुमार समेत अन्य अभ्यर्थी शामिल थे। बाहर निकलते ही उन्हें हंगामा करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि अगर उनको परीक्षा नहीं दिलानी थी तो उनका रोल नंबर व क्लास सीट क्यों लगा दिया गया? इतना ही नहीं, उन्होंने 50 फीसद प्रश्न का हल भी कर दिया है। अगर उन्हें परीक्षा से वंचित करने का कोई आदेश आया है तो दिखाया जाय। किसी अन्य विद्यालय पर यह क्यों नहीं किया गया? क्षेत्राधिकारी बरहज वरुण कुमार मिश्र ने उन्हें समझाने का प्रयास तो किया, लेकिन अभ्यर्थियों ने उनकी बात मानने से इन्कार कर दी। बाद में अन्य अधिकारी भी उन्हें समझाने पहुंचे, लेकिन उनकी भी बात अभ्यर्थियों ने नहीं मानी। इनके हंगामा के चलते डेढ़ घंटे तक मार्ग जाम रहा और गेट जाम होने के चलते अन्य अभ्यर्थी को पिछले रास्ते से बाहर निकाला।
-------
..और जब बीएसए पर भड़क गए अभ्यर्थी
अभ्यर्थी जब हंगामा करने लगे तो सीओ ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। सूचना के बाद मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र कुमार पहुंच गए और उन्हें समझाने लगे। अभ्यर्थी केवल एक ही बात कह रहे थे कि उन्हें किस आदेश से परीक्षा से वंचित किया जा रहा है? जिस पर वह चुप्पी साध गए और एक अभ्यर्थी से उसकी जाति पूछ दी। इसके बाद तो बीएसए से वहां से चले जाने की बात कहने लगे। अंत में बीएसए वहां से लौट गए।
----
कहीं प्रश्न पत्र तो नहीं हो गया लीक
जिन अभ्यर्थी को बाहर निकाला गया, वह 50 प्रतिशत तक प्रश्न पत्र हल कर चुके थे, इतना ही नहीं वह बाहर निकलने के बाद जितना प्रश्न पत्र आया था उसे बताने लगे, जिसका कुछ लोगों ने वीडियो बनाया और वायरल कर दिया। ऐसे में तो यह भी कहा जा सकता है कि प्रश्न पत्र भी लीक हो गया हो। उधर बीएसए व डीआइओएस के सामने जब अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र का कोड व प्रश्न संख्या और उसका उत्तर बताया तो वह भी परेशान हो गए।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines