कानपुर. टीईटी प्रवेश
परीक्षा केन्द्रो में रविवार को प्रवेश को लेकर जगह-जगह परीक्षार्थियों ने
बवाल कर प्रदर्शन किया। उनसे निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन को काफी मशक्कत
करनी पढ़ी।
गोविन्द नगर के आर्य कन्या इण्टर कालेज में भी लगभग सौ से ज्यादा
परीक्षार्थियों ने स्कूल प्रशासन पर डाक्यूमेन्ट पूरे होने के बाद भी
प्रवेश न देने का आरोप लगया। इस दौरान स्कूल प्रशासन के साथ अथ्यर्थियों के
बीच हाथा पाई की नौबत बन गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह उन पर काबू
पाया। वहीं एग्जाम में नहीं बैठ पाने के चलते परीक्षर्थी रोते हुए पाए गए।
मामले पर एसीएम फस्ट केपी सिंह तोमर मौके पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि
परीक्षार्थी जो भी आरोप लगाकर हंगामा कर रहे है वो निराधार है। जिनके पास
डाक्यूमेन्ट नहीं उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। एग्जाम से पहले
सभी को बता दिया गया था कि सारे कागजी दस्तावेज साथ लेकर आना है।3374 परीक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा
टीईटी प्रवेश परीक्षा के लिए कानपुर में सुबह पाली के लिए 10 तो शाम की पाली के लिए 37 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जहां कुल परीक्षार्थी 26872 को एग्जाम में बैठना था। सुबह की पाली में 5959 तो शाम की पाली में 20,913 परीक्षार्थी टीईटी परीक्षा में शामिल होने थे, जिनमें 3374 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। दोपहर की पाली में परीक्षा ढाई बजे से शुरू होनी थी। आर्य कन्या इंटर कॉलेज गोविंद नगर में परीक्षार्थी तय समय से देरी से पहुंचे। देरी से पहुंचने पर इस कारण को देखते हुए मौके पर मौजूद प्रशासनिक अफसरों ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया। इस पर परीक्षार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। परीक्षार्थियों ने देरी का कारण बताया, मगर अफसर टस से मस नहीं हुए और उनकी परीक्षा छूट गई।
नहीं दिखा पाए दस्तावेज, परीक्षा से लौटाए गए
इसके बाद जब हंगामा बढ़ा तो मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अफसर पहुंच गए। एडीएम सिटी धर्मेद्र सिंह ने बताया कि तय समय पर ही परीक्षा शुरु हुई, देरी से आने के चलते परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। किदवई नगर स्थित राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में अंकतालिका की फोटोकॉपी दिखाने पर कई परीक्षार्थियों को देरी से प्रवेश मिला। उन्होंने कहा उनके कई सवाल छूट गए। सुबह की पाली में जुहारी देवी कालेज में परीक्षार्थी गलत प्रवेश पत्र लेकर पहुंचे। दरअसल सुबह की पाली में प्राथमिक स्तर की परीक्षा थी। जिसकी अर्हता बीटीसी धारक परीक्षार्थी होते हैं पर यहां बीएड धारक परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। उन्होंने जबर्दस्ती प्रवेश करना चाहा तो मौके पर उपस्थित केंद्र व्यवस्थापक ने प्रवेश नहीं दिया। कई परीक्षाकेंद्रों पर परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए।
शिक्षामित्रों की संख्या सबसे ज्यादा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समयोजन संबंधी फैसले को रद्द होने के बाद सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र परीक्षा में शामिल हुए। रमईपुर के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षामित्र सुबह के वक्त जुारी देवी कॉलेज पहुंची। परीक्षा के बाद बताया ि कइस साल बहुत कठिन प्रश्न आए। चिरंजी लाल राष्ट्रीय इंटर कालेज किदवई नगर से द्वितीय पाली की परीक्षा देकर निकलीं नैंसी आनंद ने बताया कि परीक्षा में पूछे गए सवाल ज्यादा कठिन नहीं थे। वहीं मामले पर डीआईओएस सतीश तिवारी ने बताया जिन केंद्रों पर समस्या आई, वह परीक्षार्थियों की अपनी कमी के चलते रही। प्रशासनिक स्तर पर परीक्षा के लिए व्यवस्था चुस्त रखी गई थी।
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