सुप्रीमकोर्ट का आदेश नए विज्ञापन और याची राहत की उम्मीद लगाए साथियों की उम्मीदों पर वज्रपात

कोर्ट आदेश नए विज्ञापन और याची राहत की उम्मीद लगाए साथियों की उम्मीदों पर वज्रपात है।
जहां तक मुझे लगता है मिश्राजी के भावी सीजे बनने का दबाव शायद आदेश पर दिख रहा है, वरना जो न्यायाधीश त्रिपुरा में सालों से नौकरी कर रहे लोगों को गलत साबित होने पर एक झटके में हटा दिए वो पुराने विज्ञापन को गलत और नए विज्ञापन को सही स्वीकार करने के बाद भी क्यो ....।
इस आदेश के आधार पर नए विज्ञापन की भी बहाली के लिये रिव्यू पड़ सकता है। अंतरिम आदेश के कारण अंतिम आदेश को इस तरह प्रभावित करना गलत है।
839/1100 के आधार पर भी रिव्यू पड़ सकता है लेकिन इसमें मुझे नहीं लगता ये बेंच कुछ देगी।
पुनर्विचार याचिका की तैयारी के साथ साथ, नए विज्ञापन की भी बहाली के लिए एकजुट होकर सरकार से मांग हो तो शायद 72825 और बीएड टेट पास साथियों की भी नियुक्ति हो सके। अन्यथा बीएड टेट पास को अब प्राइमरी में कुछ भी मिलना बहुत मुश्किल है।
अचयनित साथी जो 06 साल से संघर्ष के बाद भी इस निर्णय से बाहर हुए हैं उन सब के लिए और यह आदेश सदमे से कम नही, अब आगे लड़ने की हिम्मत शायद नहीं है। फिर भी पुनर्विचार याचिका और सरकार से मिलकर नए विज्ञापन की बहाली के लिए यदि वे मिलकर कुछ दिन और काम कर सकें तो यह अत्यंत सराहनीय कार्य होगा। क्योंकि 20-25 दिन बाद आप चाहेंगे तो भी कुछ भी नहीं कर सकेंगे।
संविधान के अनुच्छेद 137 के तहत पुनर्विचार याचिका के लिए आदेश आने के बाद अधिकतम 30 दिन का समय मिलता है। उसके बाद पुनर्विचार याचिका स्वीकार नहीं होती।
अचयनित साथियों को कोई बात बुरी लगी हो तो छमा प्रार्थना।
परमेश्वर समस्त अचयनित साथियों को हिम्मत और साहस प्रदान करें।
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