यूपी बोर्ड में नए प्रयोगों की भरमार, मुख्यालय पर बने परीक्षा केंद्र सीसीटीवी की निगरानी में इम्तिहान

इलाहाबाद यूपी बोर्ड ने तेजी और तकनीक के साथ कदमताल करते हुए हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में नए प्रयोग करके सफलता की एक कई कहानियां गढ़ी हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पहला हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट एक साथ अप्रैल में देकर बनाया है। सरकार के निर्देश पर नकल पर अंकुश लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में पहली बार परीक्षाएं हुईं। संगठित अपराध रोकने को एसटीएफ और एलआइयू को सक्रिय किया गया। इसी तरह उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुआ और परीक्षकों व परीक्षार्थियों की ऑनलाइन हाजिरी ली गई।1 प्रदेश के 50 जिलों में क्रमांकित यानि कोडिंग वाली कॉपियों पर परीक्षा हुई, पिछले वर्ष यह संख्या 31 रही।बोर्ड मुख्यालय पर पहली बार कंप्यूटर साफ्टवेयर के जरिये परीक्षा केंद्र बनाए गए। कुल 8549 परीक्षा केंद्रों पर इम्तिहान हुआ, 2865 केंद्रों में कमी आई। 2017 में 11414 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। यही नहीं प्रायोगिक परीक्षाएं का भी सीसीटीवी कैमरे या फिर मोबाइल क्लिप तैयार करने का आदेश हुआ। परीक्षकों को अपने साथ पहचान पत्र व आधार कार्ड ले जाना अनिवार्य हुआ। मान्यता देने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई। वाराणसी के तीन मंडलों देवी पाटन, बस्ती व गोरखपुर के 11 जिलों के लिए नया व पांचवां क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर में स्थापित हुआ।
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम किया गया लागू
यूपी बोर्ड ने इसी सत्र से कालेजों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है, किताबें बाजार में आ चुकी हैं। अगले वर्ष 2019 से बोर्ड परीक्षा का समय घटकर 15 दिन रह जाएगा, क्योंकि हाईस्कूल की तरह इंटर में भी एक विषय की ही परीक्षा होगी।’
अंग्रेजी की परीक्षा अलग
यूपी बोर्ड ने 2018 की इंटरमीडिएट परीक्षा में नया प्रयोग किया। अंग्रेजी विषय के सभी परीक्षार्थियों की परीक्षा एक साथ न कराकर मानविकी, वाणिज्य, व्यावसायिक वर्ग और विज्ञान वर्ग के परीक्षार्थियों की इम्तिहान अलग तारीख में रखा गया है। मानविकी समेत तीनों वगोर्ं के अंग्रेजी का पहला प्रश्नपत्र 19 फरवरी को व दूसरा प्रश्नपत्र 21 फरवरी को हुआ। वहीं, विज्ञान वर्ग के परीक्षार्थियों के अंग्रेजी के पहले प्रश्नपत्र की परीक्षा 24 फरवरी व दूसरे प्रश्नपत्र का इम्तिहान 27 फरवरी को हुई।