अब यूपी में होगी प्राइवेट स्कूलों में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाए शिक्षकों की छूट्टी

लखनऊ। यूपी में सहायक अध्यापक पद से शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में करीब 5 हजार प्राइमरी टीचरों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
इन टीचरों की नौकरी जा सकती है। यूपी में फर्जी मार्कशीट के जरिए टीचर बने 4570 टीचरों की बर्खास्तगी तय है। साथ इन पर आपराधिक धाराओं में रिपोर्ट दर्ज भी दरेज की जा सकती है। इस पूरे मामले का खुलासा एसआईटी की जांच मे हुआ है।
बता दें कि इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि अलीगढ़ और फिरोजाबाद का एक-एक कॉलेज तो सूची में दर्ज ही नहीं है। जबकि यहां भी 147-147 छात्रों के नाम विवि टेबुलेशन चार्ट में दर्ज थे। इसी के साथ 1053 छात्रों की मार्कसीट के साथ छेड़छाड़ के सबूत भी मिले। बताया गया कि दुसरी और तीसरी श्रेणी में पास होने वाले बच्चों की मार्कसीट से छेड़छाड़ कर उन्हें प्रथम श्रेणी में बदला गया है। अब सभी बीएसए को कॉलेजवार छात्रों के नाम भेजकर कार्यवाई करने की मांग की गई है।

वहीं इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में कई लोगों ने दिव्यांग होने का नकली प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी प्राप्त की है। ऐसे लगभग 500 शिक्षकों को चिन्हित कर लिया गया है। इन लोगों का विकलांगता प्रमाणपत्र गलत पाया गया है। जल्द ही इस मामले पर कार्यवाई शुरू करने के आदेश दिए गए है।
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