लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) द्वारा घोषित बोर्ड परीक्षा की तारीख ने विद्यार्थियों की नींद उड़ा दी है। उन्हें कम समय में तैयारी कर परीक्षा में शामिल होना होगा।
वहीं शिक्षकों के सामने भी असहज स्थिति बन आई है। शिक्षकों का कहना है कि मौजूदा समय में 60 से 70 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हो सका है। कोर्स पूरा होने के बाद रिवीजन और प्रीबोर्ड परीक्षा कराने के लिए भी उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल सकेगा। ऐसे में इंटरनल टेस्ट और प्रीबोर्ड में विद्यार्थियों को खुद का सही आकलन करने में परेशानी उठानी पड़ होगी। 1यूपी बोर्ड के तहत संचालित निजी स्कूल के संचालकों ने परीक्षा छह फरवरी से कराने को समय से पहले बताया है। स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि अभी 30 से 40 प्रतिशत कोर्स पूरा कराना बाकी है, जो बचे हुए तीन माह में नहीं होगा। इसके बाद रिवीजन के लिए भी 15 दिन से एक माह का समय जरूरी है, जो इस सत्र के बच्चों को नहीं मिल सकेगा।1 शिक्षक नेता सोहन लान वर्मा का कहना है कि वर्तमान सत्र की शुरुआत अप्रैल 2017 से न होकर जुलाई 2017 से हुई है और कोर्स पूरा करने के लिए एक शैक्षिक सत्र में 240 दिन कार्य दिवस निर्धारित हैं। इस कारण परीक्षार्थियों को अपनी तैयारी के लिए जो निधार्रित समय है वह उनको उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके सापेक्ष इस बार लगभग दो दिनों में ही कोर्स पूरा करना होगा। ऐसे में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्रों को रेमेडियल टीचिंग (उपचारात्मक शिक्षण) की व्यवस्था शासन द्वारा की जानी चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए उपयुक्त समय मिल सके। इसी तरह शिक्षकों को भी निधार्रित समय से कम समय में ही कोर्स पूरा करना होगा।
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वहीं शिक्षकों के सामने भी असहज स्थिति बन आई है। शिक्षकों का कहना है कि मौजूदा समय में 60 से 70 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हो सका है। कोर्स पूरा होने के बाद रिवीजन और प्रीबोर्ड परीक्षा कराने के लिए भी उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल सकेगा। ऐसे में इंटरनल टेस्ट और प्रीबोर्ड में विद्यार्थियों को खुद का सही आकलन करने में परेशानी उठानी पड़ होगी। 1यूपी बोर्ड के तहत संचालित निजी स्कूल के संचालकों ने परीक्षा छह फरवरी से कराने को समय से पहले बताया है। स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि अभी 30 से 40 प्रतिशत कोर्स पूरा कराना बाकी है, जो बचे हुए तीन माह में नहीं होगा। इसके बाद रिवीजन के लिए भी 15 दिन से एक माह का समय जरूरी है, जो इस सत्र के बच्चों को नहीं मिल सकेगा।1 शिक्षक नेता सोहन लान वर्मा का कहना है कि वर्तमान सत्र की शुरुआत अप्रैल 2017 से न होकर जुलाई 2017 से हुई है और कोर्स पूरा करने के लिए एक शैक्षिक सत्र में 240 दिन कार्य दिवस निर्धारित हैं। इस कारण परीक्षार्थियों को अपनी तैयारी के लिए जो निधार्रित समय है वह उनको उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके सापेक्ष इस बार लगभग दो दिनों में ही कोर्स पूरा करना होगा। ऐसे में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्रों को रेमेडियल टीचिंग (उपचारात्मक शिक्षण) की व्यवस्था शासन द्वारा की जानी चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए उपयुक्त समय मिल सके। इसी तरह शिक्षकों को भी निधार्रित समय से कम समय में ही कोर्स पूरा करना होगा।
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