संवादसूत्र, बलरामपुर : जिले का बेसिक शिक्षा महकमा शिक्षामित्रों के
प्रति गंभीर नहीं है। अधिकारियों की उदासीनता से जिले के 1180
शिक्षामित्रों को अगस्त से ही मानदेय नहीं मिला है। मानदेय न मिलने से
उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में गांव से कई कोस दूर प्रतिदिन स्कूल पहुंचना भी उनके लिए बड़ी चुनौती है। जिले के बेसिक शिक्षा महकमें में 1980 शिक्षामित्र हैं। जिसमें बेसिक शिक्षा के 680 व सर्वशिक्षा अभियान के 1300 शिक्षामित्र शामिल हैं। 1180 शिक्षामित्रों को अगस्त से ही मानदेय नहीं मिला है। बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत 680 शिक्षामित्रों के लिए बजट न मिलना व गैंडासबुजुर्ग, पचपेड़वा एवं श्रीदत्तगंज ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा लगभग 500 शिक्षामित्रों का उपस्थिति प्रपत्र कार्यलय में उपलब्ध न कराना है। जिम्मेदारों की लापरवाही शिक्षामित्रों के लिए मुसीबत बन गई है। उन्हें बच्चों की फीस जमा करने, घर का खर्च चलाने व अन्य जरूरतों के लिए भी भटकना पड़ रहा है। आदर्श शिक्षामित्र वेल्फेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्र का कहना है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षामित्रों की उपेक्षा की जा रही है। समायोजन रद्द होने के बाद से जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मानदेय के अभाव में कई शिक्षामित्रों का परिवार मजबूरन अपने गांव लौट गया है। बताया कि समायोजन रद्द होने से पूर्व लोन लेकर घर बनवाने व वाहन खरीदने वाले शिक्षामित्र कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं। मानदेय न मिलना उनके लिए मुसीबत है। फैजान अंसारी, अंजनी तिवारी, घनश्याम ने बताया कि शिक्षामित्रों को घर से दूर दूसरे ब्लॉक में पढ़ाने जाना पड़ता है। जिम्मेदारों को मानदेय भुगतान के साथ शिक्षामित्रों को उनकी पूर्व तैनाती वाले विद्यालय में भी भेजा जाना चाहिए।
शीघ्र कराया जाएगा भुगतान
-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने बताया कि बजट के अभाव में बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत शिक्षामित्रों का मानदेय भुगतान नहीं हो सका है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षामित्र उपस्थिति प्रपत्र बीआरसी पर उपलब्ध करा दें। उन्हें शीघ्र मानदेय भुगतान कराया जाएगा।
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ऐसे में गांव से कई कोस दूर प्रतिदिन स्कूल पहुंचना भी उनके लिए बड़ी चुनौती है। जिले के बेसिक शिक्षा महकमें में 1980 शिक्षामित्र हैं। जिसमें बेसिक शिक्षा के 680 व सर्वशिक्षा अभियान के 1300 शिक्षामित्र शामिल हैं। 1180 शिक्षामित्रों को अगस्त से ही मानदेय नहीं मिला है। बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत 680 शिक्षामित्रों के लिए बजट न मिलना व गैंडासबुजुर्ग, पचपेड़वा एवं श्रीदत्तगंज ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा लगभग 500 शिक्षामित्रों का उपस्थिति प्रपत्र कार्यलय में उपलब्ध न कराना है। जिम्मेदारों की लापरवाही शिक्षामित्रों के लिए मुसीबत बन गई है। उन्हें बच्चों की फीस जमा करने, घर का खर्च चलाने व अन्य जरूरतों के लिए भी भटकना पड़ रहा है। आदर्श शिक्षामित्र वेल्फेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्र का कहना है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षामित्रों की उपेक्षा की जा रही है। समायोजन रद्द होने के बाद से जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मानदेय के अभाव में कई शिक्षामित्रों का परिवार मजबूरन अपने गांव लौट गया है। बताया कि समायोजन रद्द होने से पूर्व लोन लेकर घर बनवाने व वाहन खरीदने वाले शिक्षामित्र कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं। मानदेय न मिलना उनके लिए मुसीबत है। फैजान अंसारी, अंजनी तिवारी, घनश्याम ने बताया कि शिक्षामित्रों को घर से दूर दूसरे ब्लॉक में पढ़ाने जाना पड़ता है। जिम्मेदारों को मानदेय भुगतान के साथ शिक्षामित्रों को उनकी पूर्व तैनाती वाले विद्यालय में भी भेजा जाना चाहिए।
शीघ्र कराया जाएगा भुगतान
-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने बताया कि बजट के अभाव में बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत शिक्षामित्रों का मानदेय भुगतान नहीं हो सका है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षामित्र उपस्थिति प्रपत्र बीआरसी पर उपलब्ध करा दें। उन्हें शीघ्र मानदेय भुगतान कराया जाएगा।
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