आगरा। बीएड की फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल करने
वाले फर्जी सरकारी शिक्षक अभी तक पहले नोटिस का जवाब नहीं दे सके हैं। अब
उन्हें अंतिम नोटिस देने की तैयारी है।
वहीं निकाय चुनाव के ठीक बाद ऐसे फर्जी शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई भी जाएगी। इसके बाद फर्जी शिक्षकों की बेचैनी और अधिक बढ़ गई है। नोटिस के बाद से ही फर्जी शिक्षक वकील की शरण में थे, लेकिन कानून के सलाहकार भी देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों से दूरी बनाते दिखाई दे रहे हैं। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ पहले से ही इस बात का ऐलान कर चुका है कि वो शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़ा कर नौकरी प्राप्त कर चुके ऐसे शिक्षकों का साथ नहीं देगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं 241 शिक्षकों को नोटिस
गौरतलब है कि कई शिक्षक अभी तक पहले नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं। बता दें कि एसआईटी जांच के घेरे में जनपद में करीब 241 फर्जी शिक्षक रडार पर आए थे। कई शिक्षकों के पास खुद को सही साबित करने को सबूत नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कई शिक्षकों के अभिलेख बीआरसी पर ही नहीं हैं न ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में हैं। कई शिक्षकों ने अपने मूल अभिलेख मांगने के लिए आवेदन भी कर दिया है। ताकि किसी भी प्रकार की जांच में नाम न आए। उन्होंने पहले नोटिस मिलने के बाद अपने घर बैठना ही सही समझा है। वहीं, कई शिक्षकों ने एक प्रार्थना पत्र लिखकर ही जवाब बना दिया। जिससे विभाग संतुष्ट नहीं है। अब शासन से दूसरा नोटिस जारी होते ही शिक्षकों के होश उड़ गए। इस नोटिस के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। बचने के लिए वकीलों की शरण में जा रहे हैं। उनसे सलाह मशविरा कर रहे हैं कि कैसे बचा जा सकता है। कई फर्जी शिक्षकों का कहना है कि नौकरी रहे या न रहे, लेकिन रिकवरी न हो।
फर्जी शिक्षकों पर कसेगा कानूनी शिकंजा होगी एफआईआर
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले बच नहीं सकेंगे। निकाय चुनाव के बाद चिन्हित किए गए फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर कराई जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न जनपदों में साढ़े चार हजार ऐसे लोग हैं, जिनकी मार्कशीट में धांधली पकड़ी गई थी।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
वहीं निकाय चुनाव के ठीक बाद ऐसे फर्जी शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई भी जाएगी। इसके बाद फर्जी शिक्षकों की बेचैनी और अधिक बढ़ गई है। नोटिस के बाद से ही फर्जी शिक्षक वकील की शरण में थे, लेकिन कानून के सलाहकार भी देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों से दूरी बनाते दिखाई दे रहे हैं। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ पहले से ही इस बात का ऐलान कर चुका है कि वो शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़ा कर नौकरी प्राप्त कर चुके ऐसे शिक्षकों का साथ नहीं देगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं 241 शिक्षकों को नोटिस
गौरतलब है कि कई शिक्षक अभी तक पहले नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं। बता दें कि एसआईटी जांच के घेरे में जनपद में करीब 241 फर्जी शिक्षक रडार पर आए थे। कई शिक्षकों के पास खुद को सही साबित करने को सबूत नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कई शिक्षकों के अभिलेख बीआरसी पर ही नहीं हैं न ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में हैं। कई शिक्षकों ने अपने मूल अभिलेख मांगने के लिए आवेदन भी कर दिया है। ताकि किसी भी प्रकार की जांच में नाम न आए। उन्होंने पहले नोटिस मिलने के बाद अपने घर बैठना ही सही समझा है। वहीं, कई शिक्षकों ने एक प्रार्थना पत्र लिखकर ही जवाब बना दिया। जिससे विभाग संतुष्ट नहीं है। अब शासन से दूसरा नोटिस जारी होते ही शिक्षकों के होश उड़ गए। इस नोटिस के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। बचने के लिए वकीलों की शरण में जा रहे हैं। उनसे सलाह मशविरा कर रहे हैं कि कैसे बचा जा सकता है। कई फर्जी शिक्षकों का कहना है कि नौकरी रहे या न रहे, लेकिन रिकवरी न हो।
फर्जी शिक्षकों पर कसेगा कानूनी शिकंजा होगी एफआईआर
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले बच नहीं सकेंगे। निकाय चुनाव के बाद चिन्हित किए गए फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर कराई जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न जनपदों में साढ़े चार हजार ऐसे लोग हैं, जिनकी मार्कशीट में धांधली पकड़ी गई थी।
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