फिरोजाबाद। फर्जी अभिलेखों के दम पर नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की
बेचैनी बढ़ गई है। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने उन्हें अंतिम नोटिस
जारी कर साक्ष्य मांगे हैं।
वहीं, कई शिक्षक अभी तक पहले नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं।
एसआईटी जांच के घेरे में जिले के 155 फर्जी शिक्षक आ गए थे। उनमें से एक शिक्षक की मौत हो चुकी है। कई शिक्षकों के पास खुद को सही साबित करने को सबूत नहीं है। उन्होंने पहले नोटिस मिलने के बाद अपने घर बैठना ही सही समझा है। वहीं, कई शिक्षकों ने एक प्रार्थना पत्र लिखकर ही जवाब बना दिया। जिससे विभाग संतुष्ट नहीं है। अब शासन से दूसरा नोटिस जारी होते ही शिक्षकों के होश उड़ गए। इस नोटिस के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। बचने के लिए अधिवक्ताओं की शरण में जा रहे हैं। उनसे सलाह कर रहे हैं कि किस प्रकार बचा जा सकता है? कई फर्जी शिक्षकों का कहना है कि नौकरी रहे या न रहे, मगर रिकवरी से बचा जाए।कई शिक्षकों के अभिलेख बीआरसी पर ही नहीं हैं न ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में हैं। कई शिक्षकों ने अपने मूल अभिलेख मांगने के लिए आवेदन भी कर दिया है। ताकि किसी भी प्रकार की जांच में नाम न आए।
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वहीं, कई शिक्षक अभी तक पहले नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं।
एसआईटी जांच के घेरे में जिले के 155 फर्जी शिक्षक आ गए थे। उनमें से एक शिक्षक की मौत हो चुकी है। कई शिक्षकों के पास खुद को सही साबित करने को सबूत नहीं है। उन्होंने पहले नोटिस मिलने के बाद अपने घर बैठना ही सही समझा है। वहीं, कई शिक्षकों ने एक प्रार्थना पत्र लिखकर ही जवाब बना दिया। जिससे विभाग संतुष्ट नहीं है। अब शासन से दूसरा नोटिस जारी होते ही शिक्षकों के होश उड़ गए। इस नोटिस के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। बचने के लिए अधिवक्ताओं की शरण में जा रहे हैं। उनसे सलाह कर रहे हैं कि किस प्रकार बचा जा सकता है? कई फर्जी शिक्षकों का कहना है कि नौकरी रहे या न रहे, मगर रिकवरी से बचा जाए।कई शिक्षकों के अभिलेख बीआरसी पर ही नहीं हैं न ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में हैं। कई शिक्षकों ने अपने मूल अभिलेख मांगने के लिए आवेदन भी कर दिया है। ताकि किसी भी प्रकार की जांच में नाम न आए।
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