इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक का आदेश
रद्द कर दिया है तथा दो माह में शिक्षकों के रिक्त पदों पर काउंसिलिंग कराकर भर्ती करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने इस मामले में दाखिल नीरज कुमार पांडेय व अन्य की याचिकाओं पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व अन्य को सुनकर दिया।
याचियों के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार, सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद 23 मार्च 2017 को एक आदेश से बेसिक शिक्षा विभाग की भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। सरकार के इस आदेश से गणित व विज्ञान के 29,334 और 16,448 सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों तथा 32,022 अनुदेशकों की भर्ती रुक गई थी। याचिकाओं में सरकार के इस आदेश को चुनौती दी गई।
अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि इन भर्तियों को रोकने का कोई ठोस कारण नहीं था। इन भर्तियों में किसी भी प्रकार की धांधली या अनियमितता का भी आरोप नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने कोई कारण बताए बिना भर्तियों पर रोक लगा दी। इससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने भर्तियां रोकने का कोई कारण नहीं बताया है। साथ ही 23 मार्च 2017 का आदेश रद्द करते हुए दो माह में भर्तियां करने का आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय के 32022 अनुदेशकों की भर्ती के लिए 24 अक्तूबर 2016 से बीपीएड, डीपीएड व सीपीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इन्हें 11 महीने के लिए सात हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्ति दी जानी थी। इस भर्ती के लिए आंदोलन करने वाले धीरेन्द्र यादव ने भर्ती पर रोक हटने के आदेश की जानकारी देते हुए सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग की है।
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रद्द कर दिया है तथा दो माह में शिक्षकों के रिक्त पदों पर काउंसिलिंग कराकर भर्ती करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने इस मामले में दाखिल नीरज कुमार पांडेय व अन्य की याचिकाओं पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व अन्य को सुनकर दिया।
याचियों के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार, सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद 23 मार्च 2017 को एक आदेश से बेसिक शिक्षा विभाग की भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। सरकार के इस आदेश से गणित व विज्ञान के 29,334 और 16,448 सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों तथा 32,022 अनुदेशकों की भर्ती रुक गई थी। याचिकाओं में सरकार के इस आदेश को चुनौती दी गई।
अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि इन भर्तियों को रोकने का कोई ठोस कारण नहीं था। इन भर्तियों में किसी भी प्रकार की धांधली या अनियमितता का भी आरोप नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने कोई कारण बताए बिना भर्तियों पर रोक लगा दी। इससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने भर्तियां रोकने का कोई कारण नहीं बताया है। साथ ही 23 मार्च 2017 का आदेश रद्द करते हुए दो माह में भर्तियां करने का आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय के 32022 अनुदेशकों की भर्ती के लिए 24 अक्तूबर 2016 से बीपीएड, डीपीएड व सीपीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इन्हें 11 महीने के लिए सात हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्ति दी जानी थी। इस भर्ती के लिए आंदोलन करने वाले धीरेन्द्र यादव ने भर्ती पर रोक हटने के आदेश की जानकारी देते हुए सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग की है।
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