जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: दिसंबर 2005 में जनपद में सहायक
अध्यापक पदों पर हुई भर्ती में एक शिक्षिका ने आगरा में तैनात एसीजेएम के
अभिलेखों का प्रयोग कर नौकरी हासिल की थी।
मामले के खुलासे के बाद जांच के बाद कार्रवाई का दबाव बनता देख व जज की बहन की तरफ से दर्ज कराई गई गजनेर थाने में रिपोर्ट के बाद शिक्षिका ने न्यायालय में समर्पण कर दिया। इसके बाद जज ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जिले में हुई भर्तियों पर इन दिनों संकट मंडरा रहा है। वर्ष 2015 में सहायक अध्यापक के पद हुई भर्ती में कानपुर के हरबसपुर बिधनू निवासी रामकृपाल की पुत्री ऊषा यादव ने काउंस¨लग कराई थी। जिसमें उसने अपने प्रपत्र न लगाकर जरौली फेस-1 कानपुर की संदीपा यादव के प्रपत्र दाखिल कर दिए और अपने को ऊषा के स्थान पर संदीपा यादव बता दिया। मामले की जानकारी जब आगरा में एसीजेएम-6 के पद पर तैनात संदीपा को रिटर्न दाखिल करने के दौरान हुई तो उन्होनें परिजनों के माध्यम से मामले में गजनेर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इधर जांच में एक के बाद एक हो रहे खुलासों के बाद अफसर जहां फूंक फूंक कर कदम रख रहे है वहीं मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई शुरु कर दी गई है। इसी के भय से ऊषा ने बीते दिन माती न्यायालय पहुंच कर कोर्ट में समर्पण कर दिया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। बीएसए पवन कुमार ने बताया कि ऊषा के समर्पण किए जाने की जानकारी मिली है। सीजेएम कोर्ट से अनुमति लेकर बयान लिए जाएगें। जिसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर सेवा समाप्ती की कार्रवाई की जाएगी।
कटघरे में भर्ती, प्रधानाचार्यों का रोका वेतन
कानपुर देहात: वर्ष 2014 से लेकर 2016 के मध्य जूनियर विद्यालयों में रिक्त चल रहे प्रधानाचार्यों के पद पर हुई नियुक्ति के मामले में भी शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। फिलहाल नियुक्ति पाए सभी पांचों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के वेतन रोक दिए गए है। साथ ही कुछ अन्य विद्यालयों की भर्ती के बावत विभाग ने गोपनीय जानकारियां जुटानी शुरु कर दी है। जिले के उच्चीकृत जूनियर विद्यालयों में हुई भर्ती के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विभाग ने पहली कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। बीएसए पवन कुमार ने बताया कि सुभाष जूनियर विद्यालय गिरधरपुर, अशोक विद्या मंदिर रास्तपुर, राष्ट्रीय विद्या मंदिर खोजाफूल, जवाहर लाल नेहरू विद्याल शाहजहांपुर निनायां के प्रधानाचार्यों की नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच की जा रही है। इसी के चलते उक्त सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोक दिया गया है। जांच में तथ्य सामने आने और प्रबंधकों से जवाब आने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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मामले के खुलासे के बाद जांच के बाद कार्रवाई का दबाव बनता देख व जज की बहन की तरफ से दर्ज कराई गई गजनेर थाने में रिपोर्ट के बाद शिक्षिका ने न्यायालय में समर्पण कर दिया। इसके बाद जज ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जिले में हुई भर्तियों पर इन दिनों संकट मंडरा रहा है। वर्ष 2015 में सहायक अध्यापक के पद हुई भर्ती में कानपुर के हरबसपुर बिधनू निवासी रामकृपाल की पुत्री ऊषा यादव ने काउंस¨लग कराई थी। जिसमें उसने अपने प्रपत्र न लगाकर जरौली फेस-1 कानपुर की संदीपा यादव के प्रपत्र दाखिल कर दिए और अपने को ऊषा के स्थान पर संदीपा यादव बता दिया। मामले की जानकारी जब आगरा में एसीजेएम-6 के पद पर तैनात संदीपा को रिटर्न दाखिल करने के दौरान हुई तो उन्होनें परिजनों के माध्यम से मामले में गजनेर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इधर जांच में एक के बाद एक हो रहे खुलासों के बाद अफसर जहां फूंक फूंक कर कदम रख रहे है वहीं मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई शुरु कर दी गई है। इसी के भय से ऊषा ने बीते दिन माती न्यायालय पहुंच कर कोर्ट में समर्पण कर दिया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। बीएसए पवन कुमार ने बताया कि ऊषा के समर्पण किए जाने की जानकारी मिली है। सीजेएम कोर्ट से अनुमति लेकर बयान लिए जाएगें। जिसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर सेवा समाप्ती की कार्रवाई की जाएगी।
कटघरे में भर्ती, प्रधानाचार्यों का रोका वेतन
कानपुर देहात: वर्ष 2014 से लेकर 2016 के मध्य जूनियर विद्यालयों में रिक्त चल रहे प्रधानाचार्यों के पद पर हुई नियुक्ति के मामले में भी शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। फिलहाल नियुक्ति पाए सभी पांचों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के वेतन रोक दिए गए है। साथ ही कुछ अन्य विद्यालयों की भर्ती के बावत विभाग ने गोपनीय जानकारियां जुटानी शुरु कर दी है। जिले के उच्चीकृत जूनियर विद्यालयों में हुई भर्ती के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विभाग ने पहली कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। बीएसए पवन कुमार ने बताया कि सुभाष जूनियर विद्यालय गिरधरपुर, अशोक विद्या मंदिर रास्तपुर, राष्ट्रीय विद्या मंदिर खोजाफूल, जवाहर लाल नेहरू विद्याल शाहजहांपुर निनायां के प्रधानाचार्यों की नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच की जा रही है। इसी के चलते उक्त सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोक दिया गया है। जांच में तथ्य सामने आने और प्रबंधकों से जवाब आने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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