इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डाक विभाग को निर्देश दिया है कि मदरसा बोर्ड से उत्तीर्ण मुंशी, मौलवी और आलिम को ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में शामिल करने के लिए ऑनलाइन वेब पोर्टल में व्यवस्था दी जाए।
कोर्ट ने कहा है कि आवेदन के विकल्प में मदरसा बोर्ड को शामिल करते हुए अभ्यर्थियों को आवेदन करने की 10 दिन की छूट दी जाए। फरुखाबाद के अजयवीर और अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने दिया है।
याची के अधिवक्ता एसएस इकबाल हसन और अन्य ने कोर्ट को बताया कि डाक विभाग ने यूपी सर्किल में 5314 ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए 30 अक्टूबर, 2017 को विज्ञापन जारी किया था। इसमें आवेदन के लिए न्यूनतम अर्हता उत्तर प्रदेश या केंद्र के किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाईस्कूल या समकक्ष डिग्री को मान्य किया गया था। याचीगण का कहना है कि वे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मुंशी, मौलवी और आलिम उत्तीर्ण हैं। कोर्ट ने याचीगण के अधिवक्ता की दलील स्वीकार करते हुए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल यूपी सर्किल और अधिकृत प्राधिकारी भर्ती ग्रामीण डाक सेवक को निर्देश दिया है कि मदरसा बोर्ड को आवेदन पोर्टल में प्रदर्शित करते हुए 10 दिन में आवेदन लें।
अपर निजी सचिव भर्ती में यथास्थिति रखने का आदेश : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिवालय लखनऊ में अपर निजी सचिवों की भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है, साथ ही राज्य सरकार और उप्र लोकसेवा आयोग से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने अधिवक्ता दलील को सुनने के बाद दिया। याचिका पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में कहा गया है कि सचिवालय में अपर निजी सचिवों के 10 विशेष और 240 सामान्य पदों पर भर्ती के लिए 25 दिसंबर, 2010 को विज्ञापन जारी किया गया था। आवेदन के लिए डोएट से टिपल ‘सी’ की डिग्री होना अनिवार्य था। कंप्यूटर टेस्ट की परीक्षा प्रयोगात्मक होनी थी, इसका अंतिम परिणाम उप्र लोकसेवा आयोग ने तीन अक्टूबर, 2017 को जारी किया था।
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कोर्ट ने कहा है कि आवेदन के विकल्प में मदरसा बोर्ड को शामिल करते हुए अभ्यर्थियों को आवेदन करने की 10 दिन की छूट दी जाए। फरुखाबाद के अजयवीर और अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने दिया है।
याची के अधिवक्ता एसएस इकबाल हसन और अन्य ने कोर्ट को बताया कि डाक विभाग ने यूपी सर्किल में 5314 ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए 30 अक्टूबर, 2017 को विज्ञापन जारी किया था। इसमें आवेदन के लिए न्यूनतम अर्हता उत्तर प्रदेश या केंद्र के किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाईस्कूल या समकक्ष डिग्री को मान्य किया गया था। याचीगण का कहना है कि वे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मुंशी, मौलवी और आलिम उत्तीर्ण हैं। कोर्ट ने याचीगण के अधिवक्ता की दलील स्वीकार करते हुए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल यूपी सर्किल और अधिकृत प्राधिकारी भर्ती ग्रामीण डाक सेवक को निर्देश दिया है कि मदरसा बोर्ड को आवेदन पोर्टल में प्रदर्शित करते हुए 10 दिन में आवेदन लें।
अपर निजी सचिव भर्ती में यथास्थिति रखने का आदेश : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिवालय लखनऊ में अपर निजी सचिवों की भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है, साथ ही राज्य सरकार और उप्र लोकसेवा आयोग से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने अधिवक्ता दलील को सुनने के बाद दिया। याचिका पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में कहा गया है कि सचिवालय में अपर निजी सचिवों के 10 विशेष और 240 सामान्य पदों पर भर्ती के लिए 25 दिसंबर, 2010 को विज्ञापन जारी किया गया था। आवेदन के लिए डोएट से टिपल ‘सी’ की डिग्री होना अनिवार्य था। कंप्यूटर टेस्ट की परीक्षा प्रयोगात्मक होनी थी, इसका अंतिम परिणाम उप्र लोकसेवा आयोग ने तीन अक्टूबर, 2017 को जारी किया था।
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