जागरण संवाददाता, कासगंज: प्रदेश सरकार द्वारा फर्जी शिक्षकों के
विरूद्ध छेड़े गए अभियान में कासगंज के सौ से अधिक शिक्षक शामिल हो गए है।
जबकि दो दर्जन शिक्षक अभी संदिग्ध है।
इन सभी से सप्ताह भर में स्पष्टीकरण मांगा गया है। चेतावनी दी गई है कि समय रहते स्पष्टीकरण न दिया तो इनको भी फर्जी मान लिया जाएगा। फर्जी शिक्षकों के साथ इनका भी वेतन रोक दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभियान चला रही है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2004 के बाद जितने भी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है उन सभी के दस्तावेजों की जांच कराई जाए। कासगंज में भी शिक्षा विभाग शिक्षकों की नियुक्ति की जांच करा रहा है। बताया जाता है कि खंड शिक्षा स्तर पर सीडी से कराए गए मिलान में पाया गया है कि लगभग सौ से अधिक शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई सालों से नौकरी कर रहे हैं। जबकि दो दर्जन शिक्षक ऐसे है जिनके दस्तावेज संदिग्ध है। विभाग शीघ्र ही इनकी स्थिति भी साफ करने का दावा कर रहा है। फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार होते ही शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि अभी नाम उजागर नहीं किए गए है ऐसे में तमाम शिक्षकों को डर सता रहा है कि कहीं उनका नाम तो सूची में शामिल नहीं। जो भी हो बेसिक शिक्षा विभाग ने संदिग्ध पाए गए शिक्षकों से इस संबंध में सप्ताह भर में स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है। उनसे कहा गया है कि अगर समय से जवाब नहीं मिला तो उनको फर्जी की श्रेणी में रख दिया जाएगा। इसके बाद फर्जी शिक्षक के खिलाफ होने वाली विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
बड़े शिक्षक नेता का नाम चर्चा में
फर्जी शिक्षकों की सूची में एक बड़े शिक्षक नेता का नाम भी शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। जिले में शिक्षक नेता और उनकी पत्नी दोनों के दस्तावेज फर्जी पाए गए है।
दिया गया है नोटिस
जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए है उन सभी को नोटिस दिया गया है। जबाव भी मांगा गया है जो भी फर्जी शिक्षक पाए जाएंगे उन सभी के विरूद्ध शासन के निर्देश के अनुसार कार्रवाई होगी।
गीता वर्मा, बीएसए।
रोका जाएगा वेतन
कासगंज जिले में फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार हो चुकी है। एटा में पूर्व में ही यह सूची डायट को मिल चुकी है। कासगंज के फर्जी शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। बीएसए से भी विस्तृत जानकारी करेंगे।
मनोज गिरि डायट प्राचार्य एटा, कासगंज।
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इन सभी से सप्ताह भर में स्पष्टीकरण मांगा गया है। चेतावनी दी गई है कि समय रहते स्पष्टीकरण न दिया तो इनको भी फर्जी मान लिया जाएगा। फर्जी शिक्षकों के साथ इनका भी वेतन रोक दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभियान चला रही है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2004 के बाद जितने भी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है उन सभी के दस्तावेजों की जांच कराई जाए। कासगंज में भी शिक्षा विभाग शिक्षकों की नियुक्ति की जांच करा रहा है। बताया जाता है कि खंड शिक्षा स्तर पर सीडी से कराए गए मिलान में पाया गया है कि लगभग सौ से अधिक शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई सालों से नौकरी कर रहे हैं। जबकि दो दर्जन शिक्षक ऐसे है जिनके दस्तावेज संदिग्ध है। विभाग शीघ्र ही इनकी स्थिति भी साफ करने का दावा कर रहा है। फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार होते ही शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि अभी नाम उजागर नहीं किए गए है ऐसे में तमाम शिक्षकों को डर सता रहा है कि कहीं उनका नाम तो सूची में शामिल नहीं। जो भी हो बेसिक शिक्षा विभाग ने संदिग्ध पाए गए शिक्षकों से इस संबंध में सप्ताह भर में स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है। उनसे कहा गया है कि अगर समय से जवाब नहीं मिला तो उनको फर्जी की श्रेणी में रख दिया जाएगा। इसके बाद फर्जी शिक्षक के खिलाफ होने वाली विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
बड़े शिक्षक नेता का नाम चर्चा में
फर्जी शिक्षकों की सूची में एक बड़े शिक्षक नेता का नाम भी शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। जिले में शिक्षक नेता और उनकी पत्नी दोनों के दस्तावेज फर्जी पाए गए है।
दिया गया है नोटिस
जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए है उन सभी को नोटिस दिया गया है। जबाव भी मांगा गया है जो भी फर्जी शिक्षक पाए जाएंगे उन सभी के विरूद्ध शासन के निर्देश के अनुसार कार्रवाई होगी।
गीता वर्मा, बीएसए।
रोका जाएगा वेतन
कासगंज जिले में फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार हो चुकी है। एटा में पूर्व में ही यह सूची डायट को मिल चुकी है। कासगंज के फर्जी शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। बीएसए से भी विस्तृत जानकारी करेंगे।
मनोज गिरि डायट प्राचार्य एटा, कासगंज।
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