लखनऊ. UPTET 2017 की आंसर शीट को लेकर दायर हुई याचिका
के जवाब में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि आंसरशीट पर
पुनर्विचार संभव है। हाई कोर्ट ने यूपी-टीईटी-2017 के परीक्षा परिणाम को
अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है।
न्यायालय ने कहा है कि इस दौरान संबंधित आंसरशीट पर पुनर्विचार कर सकती है। 104 अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दायर करते हुए परीक्षा से संबंधित उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई है। साथ ही याचिका में पाठ्यक्रम के बाहर से प्रश्न पूछे जाने का भी मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यह टिप्पणी दी है।
UPTET 2017 से जुड़े इस आदेश को न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल सदस्यीय पीठ ने मोहम्मद रिजवान व 103 अन्य परीक्षार्थियों की याचिका पर दिया। याचियों के अधिवक्ता अमित कुमार सिंह भदौरिया के मुताबिक उक्त परीक्षा में पूछे गए 14 प्रश्नों पर विवाद है। उनके अनुसार याचिका में कहा गया है कि 15 अक्टूबर की परीक्षा के बाद 18 अक्तूबर को जो आंसर शीट जारी की गई, उसमें परीक्षा में पूछे गए आठ प्रश्नों के जवाब या तो गलत हैं या दो अथवा अधिक विकल्प सही हैं। यही हाल संस्कृत भाषा के दो प्रश्न-उत्तर का भी है जबकि चार प्रश्न ऐसे हैं जो पाठ्यक्रम के बाहर से हैं। याचिका में उत्तर कुंजी को निरस्त करने व याचियों को ग्रेस मार्क देने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचियों की शिकायत के निवारण के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ कमेटी भी बनाने की मांग की गई है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है। इसके साथ ही न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि यदि परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है तो यह कोर्ट के अंतिम आदेश का विषय होगा। मामले की अग्रिम सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी। बीते दिनों दायर की गई एक याचिका में आठ व दूसरी में 13 सवालों के उत्तर विकल्प गलत होने का दावा किया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया है. शिक्षामित्रों ने भी याचिका दाखिल की है. कहा गया है कि जांच के बाद ही परिणाम घोषित किया जाए.
न्यायालय ने कहा है कि इस दौरान संबंधित आंसरशीट पर पुनर्विचार कर सकती है। 104 अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दायर करते हुए परीक्षा से संबंधित उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई है। साथ ही याचिका में पाठ्यक्रम के बाहर से प्रश्न पूछे जाने का भी मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यह टिप्पणी दी है।
UPTET 2017 से जुड़े इस आदेश को न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल सदस्यीय पीठ ने मोहम्मद रिजवान व 103 अन्य परीक्षार्थियों की याचिका पर दिया। याचियों के अधिवक्ता अमित कुमार सिंह भदौरिया के मुताबिक उक्त परीक्षा में पूछे गए 14 प्रश्नों पर विवाद है। उनके अनुसार याचिका में कहा गया है कि 15 अक्टूबर की परीक्षा के बाद 18 अक्तूबर को जो आंसर शीट जारी की गई, उसमें परीक्षा में पूछे गए आठ प्रश्नों के जवाब या तो गलत हैं या दो अथवा अधिक विकल्प सही हैं। यही हाल संस्कृत भाषा के दो प्रश्न-उत्तर का भी है जबकि चार प्रश्न ऐसे हैं जो पाठ्यक्रम के बाहर से हैं। याचिका में उत्तर कुंजी को निरस्त करने व याचियों को ग्रेस मार्क देने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचियों की शिकायत के निवारण के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ कमेटी भी बनाने की मांग की गई है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है। इसके साथ ही न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि यदि परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है तो यह कोर्ट के अंतिम आदेश का विषय होगा। मामले की अग्रिम सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी। बीते दिनों दायर की गई एक याचिका में आठ व दूसरी में 13 सवालों के उत्तर विकल्प गलत होने का दावा किया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया है. शिक्षामित्रों ने भी याचिका दाखिल की है. कहा गया है कि जांच के बाद ही परिणाम घोषित किया जाए.
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