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बीएलओ ड्यूटी को लेकर शिक्षक व अधिकारी आमने-सामने

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लोकसभा चुनाव पुनरीक्षण मतदाता सूची के लिए बीएलओ की ड्यूटी करने के लिए शिक्षक व अधिकारी आमने सामने आ गए हैं। शिक्षकों ने पुराने शासनादेश का हवाला देते हुए बीएलओ ड्यूटी करने से इंकार कर दिया है।
वहीं अधिकारियों का कहना है कि अगर शिक्षक बीएलओ की ड्यूटी नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 22 दिसंबर को शिक्षकों ने बीएलओ ड्यूटी लेने से मना कर दिया था, इसके बाद एसडीएम मोदीनगर व सदर ने बीएसए को पत्र लिखा था।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री अनुज त्यागी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगा दिया गया है। इससे स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित होगा। जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाने का प्रावधान है। इसके अलावा पूर्व में भी मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि शिक्षकों को बीएलओ के कार्य से मुक्त किया जाए। इसके अलावा नगर क्षेत्र के कड़कड़ मॉडल में कार्यरत शिक्षिका व बीएलओ सुनीता पुंडीर पर गंभीर आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया। संजय शर्मा व सुनीता देवी को भोजपुर ब्लॉक में निलंबित किया जा चुका है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शिक्षकों को बीएलओ पद से कार्यमुक्त नहीं किया गया तो शिक्षण कार्य में लगे सभी शिक्षक, शिक्षामित्र एवं अनुदेशक बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन देने वालों में संघ के जिलाध्यक्ष र¨वद्र राणा, आदेश कुमार, मनोज नागर सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे।
ड्यूटी न करने पर होगी कार्रवाई
मोदीनगर व सदर एसडीएम ने जानकारी दिया था कि बीएलओ मतदाता पुनरीक्षण के लिए बीएलओ ड्यूटी प्राप्त नहीं कर रहे हैं। सभी एबीएसए एवं बीएलओ को पत्र लिखकर बीएलओ ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई बीएलओ निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विनय कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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