हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, फेल होने वाले शिक्षकों को भी मिलेगी नौकरी…

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड मामले में यूपी के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 558 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने संशोधित परिणाम के बाद चयन से बाहर हुए 108 अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए इन्हें वापस नौकरी पर रखे जाने का आदेश दिया है.
हालांकि हाईकोर्ट में इन्हें चयन सूची में सबसे निचले क्रम पर रखे जाने को कहा है.

दरअसल, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2010 में चयनित 558 अभ्यार्थियों में से 108 अभ्यर्थियों को संशोधित परिणाम में फेल घोषित कर दिया गया था, जिससे ये चयन सूची से बाहर हो गए थे, वहीं हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूर्व में चयनित इन अभ्यर्थियों को राहत दी और कहा कि संशोधित परिणाम में चयन सूची से बाहर हुए अभ्यर्थी को सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा, हां उन्हें चयन सूची में सबसे निचले क्रम पर रखा जाए.
3 साल नौकरी के बाद किये जा रहे थे बाहर

2010 में 558 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती शुरू हुई और 28 जून 2011 को अंतिम चयन सूची प्रकाशित हुई. जिसमें कुल 513 पुरुष और 45 महिलाओं का चयन हुआ. सभी चयनित शिक्षकों को कई इंटर कॉलेजों में नियुक्ति मिल गई और वो शैक्षणिक कार्य भी करने लगे. लेकिन इस बीच नवंबर 2012 में इस भर्ती को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. याचिका चयन सूची से बाहर रहने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने दाखिल की और कारण स्पष्ट करते हुए कोर्ट से परिणाम संशोधित करने की मांग की.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब परिणाम संशोधित हुआ तो पूर्व में चयनित 108 अभ्यर्थियों असफल घोषित कर चयन सूची से बाहर हो गए. जबकि 65 फेल रहे अभ्यर्थियों पास कर चयन सूची में शामिल कर लिया गया. ऐसे में 3 साल से नौकरी कर रहे 108 अभ्यर्थियों की नौकरी पर गाज गिर गई और वो नौकरी से बाहर हो गए, लेकिन इन बाहर हुए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली और अब हाईकोर्ट ने इन्हें राहत देते हुए सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया है.

क्या था मामला?

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2010 कि प्रश्न बुकलेट सीरीज ‘सीव में प्रश्न संख्या 80 का उत्तर गलत था. इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट में अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की, जिस पर हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सही उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को अंक देकर संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया. कोर्ट के आदेश पर 9 अप्रैल 2013 को संशोधित परिणाम जारी किया गया, जिसमें पूर्व में चयनित 108 अभ्यर्थी फेल हो गए और पहले फेल रहे 65 अभ्यर्थी सफल हो गए. चयन सूची से बाहर होने के बाद 108 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली और अपनी दलीलें पेश की. जिस पर उन्हें हाईकोर्ट ने राहत दी है.

हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने के दिया आदेश

याचिका पर सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया और चयन बोर्ड को निर्देश दिया कि संशोधित परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों को प्रथम नियुक्ति की तारीख से नियुक्ति पत्र दिया जाए और वरिष्ठता की गणना भी नियुक्ति डेट से की जाए. हालांकि इन्हें पिछली अवधि का वेतन नहीं मिलेगा. हाईकोर्ट ने संशोधित परिणाम में चयन सूची से बाहर हुए 108 अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इन्हें सेवा से बाहर ना किया जाए इनको चयन सूची में सबसे निचले क्रम पर रखा जाए.
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