शिक्षामित्रों को भर्ती से बाहर रखने की साजिश , शिक्षामित्रों को बड़ा झटका

इलाहाबाद/ लखनऊ प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की अनिवार्य अर्हता, शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 का रिजल्ट शुक्रवार को जारी कर दिया गया। शिक्षक बनने की ख्वाहिश लिए करीब 89% फीसदी लोग इस परीक्षा में ही फेल हो गए हैं।
सबसे अधिक झटका सहायक शिक्षक से फिर शिक्षामित्र बने अभ्यर्थियों को लगा है। इनमें से आधे से अधिक ने टीईटी पास करने का पहला मौका गंवा दिया है।

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 15 अक्टूबर को आयोजित इस परीक्षा में 9,76,760 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण करवाया था, जबकि 8,08,348 ने परीक्षा दी थी। इनमें कुल 89,803 परीक्षार्थी ही पास हो पाए, जो शामिल परीक्षार्थियों का महज 11.1% ही है। रिजल्ट upbasiceduboard.gov.in पर देखा जा सकता है। परीक्षार्थी रिजल्ट से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर-0532-2466761, 0532-2466769 पर यूपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहबाद से भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा uptethelpline@gmail.com पर भी ईमेल कर सकते हैं।


शिक्षामित्रों को बड़ा झटका

प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे 1.37 लाख सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुन: शिक्षामित्र बना दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दो क्रमिक भर्तियों में अवसर व वेटेज देने का लिए प्रदेश सरकार को अधिकृत किया था। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को भर्ती के दौरान 2.5 अंक प्रति वर्ष या अधिकतम 25 अंक वेटेज और उम्र सीमा में छूट की घोषणा की है। लेकिन यह सब तब ही संभव हो पाएगा जब शिक्षामित्र टीईटी पास कर लें। शिक्षक से शिक्षामित्र पर वापस किए गए सहित प्रदेश में कुल 1.69 लाख शिक्षामित्र हैं। इनमें करीब 30 हजार हजार पहले से टीईटी पास हैं। यानि, करीब 1.40 लाख को शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना जरूरी है। शुक्रवार को जारी नतीजों में 48 हजार से कम अभ्यर्थी प्राथमिक स्तर पर टीईटी पास कर सके हैं, इनमें शिक्षामित्रों के अलावा अन्य अभ्यर्थी शामिल हैं। ऐसे में दो-तिहाई शिक्षामित्र पहले मौके में ही भर्ती की रेस में पीछे छूट गए हैं। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने आरोप लगाया है कि बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षामित्रों को भर्ती से बाहर रखने की साजिश कर रहा है।

कोर्ट के निर्णयों के अधीन रहेगा परिणाम

टीईटी में पूछे गए सवालों पर आपत्ति को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हैं। वहीं, लखनऊ खंडपीठ में भी मोहम्मद रिजवान एवं 103 व अन्य की भी याचिका लंबित है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने परिणाम के साथ ही शर्त लगा दी है कि परिणाम इन याचिकाओं के अधीन रहेंगे।
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