उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ उप्र झांसी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 के तहत अध्यापकों को गैर शैक्षिक कार्य पर नहीं लगाया जा सकता। हाईकोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि अध्यापकों को बीएलओ का काम देना कानून और कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। कोर्ट ने याचिका में उठाए गए मुद्दों को विचारणीय माना और सरकार को इस संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया है।
sponsored links:
No comments :
Post a Comment