इलाहाबाद : आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदेशा था। अंतर जिला तबादलों में
शासन व बेसिक शिक्षा विभाग की दलीलें काम नहीं आई। हाईकोर्ट ने पांच साल से
कम सेवा वाली अध्यापिकाओं को अंतर जिला तबादला करने का निर्देश दिया है।
अब विभाग को जल्द साफ्टवेयर में बदलाव और नया निर्देश जारी करना होगा।
‘दैनिक जागरण’ 19 जनवरी को ही ‘अध्यापिकाओं को तबादले
में समय सीमा से छूट’ की खबर दी थी। हाईकोर्ट ने उन्हीं निर्देशों पर मुहर
लगा दी है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के
शिक्षकों की अंतर जिला तबादले में उन्हीं को लाभ देने के निर्देश रहे हैं,
जिन्होंने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली है। केवल सैनिकों की पत्नियों व
दिव्यांगों को ही पांच वर्ष की सीमा से छूट दी गई थी। इसके विरोध में
हाईकोर्ट में तमाम याचिकाएं हुई और कोर्ट ने विभाग को निर्णय लेने को कहा।
परिषद ने यह मामला शासन को भेजा। पिछले दिनों शासन ने विशेष परिस्थिति का
हवाला देकर सचिव बेसिक शिक्षा को इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। शासन
की गाइड लाइन में स्पष्ट था कि परिभाषित विशेष परिस्थिति पति का निवास
स्थान या फिर ससुराल वाले जिले में जाने का, जिस शिक्षिका पर लागू होगी उसे
समय सीमा से छूट मिलेगी लेकिन, विभाग सिर्फ याचियों को ही विशेष परिस्थति
का लाभ देने की तैयारी कर रहा था। इसे भांपकर कोर्ट में फिर याचिकाएं हुईं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थिति का लाभ पांच वर्ष से कम सेवा
वाली सभी अध्यापिकाओं को मिलेगा। विभाग इसके लिए निर्देश व साफ्टवेयर में
बदलाव करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि तबादले रिक्त पदों में से 25 फीसद मानक
के तहत ही होंगे। सरकारी वकील ने इस पर सहमति भी जताई है। इससे विभाग
बैकफुट पर आ गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी
होंगे और साफ्टवेयर में बदलाव भी होगा, ताकि पांच वर्ष से कम सेवा वाली
शिक्षिकाएं ऑनलाइन आवेदन कर सकें।1’>>शासन व विभाग सिर्फ याचियों को
ही देना चाहता था मौका 1’>> ‘दैनिक जागरण’ 19 जनवरी को दी थी खबर,
हाईकोर्ट से लगी मुहर
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