अध्यापिकाओं के होंगे अंतर जिला तबादले: हाईकोर्ट ने दिए सचिव बेसिक शिक्षा को आदेश जारी करने के निर्देश, सरकार से मांगा बेहतर सुझाव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा लखनऊ को नियम आठ (2) (डी) के तहत पांच साल से कम सेवा वाली अध्यापिकाओं को अंतर जिला तबादलों के ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने के संबंध में तत्काल आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश बुधवार को न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने विभा सिंह कुशवाहा व 21 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।


अभी तक तैयार साफ्टवेयर में पांच साल की सेवा वाले अध्यापकों के अंतर जिला तबादले के आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जा रहे हैं। पांच साल से कम सेवा वाली महिला अध्यापिकाओं के आवेदन तकनीकी खामी के चलते नहीं भरे जा रहे हैं। 1सरकार ने 16 से 29 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने की अवधि नियत की है। सरकार ने माना कि नियम आठ (2) (डी) के तहत पति-पत्नी व सास-ससुर के नजदीकी जिले में तबादले की अर्जी स्वीकार की जाएगी। कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में बेहतर सुझाव मांगा है और सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए छह फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है।
याचियों का कहना है कि वे सहायक अध्यापक हैं। याचिका में सचिव बेसिक शिक्षा के आदेश 13 जून 2017 व 20 सितंबर 2017 तथा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश 12 जनवरी 2018 की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि ये आदेश नियम आठ (2) (डी) के विपरीत है। याची विभा ने कुशीनगर से बलिया अपने पति की तैनाती वाले जिले में तबादले की मांग की है। लेकिन, आवेदन स्वीकार नहीं हो पा रहा है। 1नियम आठ (2)(डी) के तहत पति-पत्नी या सास-ससुर के के तैनाती वाले जिले में तबादले की मांग की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सामान्य नियम पर विशेष नियम प्रभावी होंगे। सरकार ने पांच साल सेवा पूरी करने वालों को 25 फीसदी खाली पदों पर ही तबादले की अनुमति दी है। लेकिन, इस सामान्य नियम पर विशेष नियम प्रभावी है। पांच साल से कम सेवा वाली अध्यापिकाओं को तबादले की अर्जी देने की छूट दी गई है। जिनके पति पैरामिलिट्री फोर्स में है, उन्हें सास-ससुर के नजदीक तबादले की मांग में अर्जी देने की छूट दी गई है। अर्जी स्वीकार न होने से छूट अर्थहीन हो रही है।

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