सहायक अध्यापक भर्ती में मथुरा जिले में हुए फर्जीवाड़े की आंच अब अन्य
जिलों तक पहुंच गई है। सात अन्य जिलों आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, हाथरस,
मुरादाबाद, फतेहपुर व हरदोई में बीते 8 वर्षों में हुई नियुक्तियों में
अनियमितता की जांच होगी।
यह जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव
बेसिक शिक्षा डा. प्रभात कुमार ने दी है। इसके बाद कई जिलों में अफसरों व
लिपिकों पर गाज गिरनी तय है।
डा. प्रभात कुमार ने कहा कि फर्जी नियुक्तियां पाए जाने पर दोषियों के
खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 2010 के बाद हुई नियुक्तियों की जांच की
जाएगी। इस संबंध में संबधिंत जिलों के जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है।
जिलों में अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन
किया जाएगा। अपर पुलिस अधीक्षक व सहायक मण्डलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) इस
समिति में सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
ये कमेटी वर्ष 2010 के बाद सहायक अध्यापकों के पद पर हुई नियुक्ति में
अनियमिततता, नियम विरुद्ध नियुक्तियों की जांच करेगी। जांच के समय विभिन्न
बिन्दुओं को शामिल किया जाएगा। जिलाधिकारी के निर्देशन में इस जांच को पूरा
किया जाएगा और इसकी मॉनिटरिंग अपर मुख्य सचिव खुद करेंगे।
अपर मुख्य सचिव के मुताबिक, उनके पास कई जिलों से शिकायतें आ रही हैं
कि बीते वर्षों में कई जिलों में अपात्र लोगों की नियुक्तियां हुई है। कई
विधायकों ने भी अपने जिले में शिक्षक भर्ती की जांच कराने का अनुरोध किया
था। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। मथुरा में 12,460
शिक्षक भर्ती में 216 पदों में से 185 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए
गए थे। इनमें से 25 अभ्यर्थी अपात्र थे, वहीं सात अभ्यर्थी ऐसे थे
जिन्होंने मथुरा से प्रशिक्षण नहीं लिया था। इसके अलावा 29,334 जूनियर
शिक्षक भर्ती में 67 अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त पत्र दे दिया गया जबकि
रिक्तियां कम थीं।