इलाहाबाद। योगी सरकार में शिक्षक भर्ती पर लगी रोक हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर
देने के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट
में अवमानना याचिका दाखिल की है।
याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मनोज
कुमार गुप्ता ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से इस मामले में
जानकारी मांगी है कि कोर्ट के आदेशों का पालन अब तक क्यों नहीं किया जा सका
है।
याची दीपिका सिंह के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि सरकार ने
मार्च 2017 में सत्ता में आते ही उस वक्त जारी सभी शिक्षक भर्तियों पर रोक
लगा दी थी तथा इसका कोई कारण भी नहीं बताया था। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने नीरज कुमार पांडेय केस में फैसला
देते हुए रोक का आदेश रद्द कर दिया तथा दो माह में नियुक्तियां पूरी करने
का आदेश दिया। सरकार ने इस आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी थी। कोर्ट ने
12 अप्रैल 2018 को अपील खारिज करते हुए दो माह में भर्तियां पूरी करने का
आदेश कायम रखा। इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं की गई है। इस
पर कोर्ट ने सरकार को 26 जुलाई 2018 तक इस मामले में जानकारी देने का
निर्देश दिया है। याची का कहना है कि उसने 32 हजार अंशकालिक अनुदेशक भर्ती
के आवेदन किया है, मगर नियुक्तियां शुरू न होने से उसका चयन नहीं हो पा रहा
है। इसी प्रकार से 12460 सहायक अध्यापक भर्ती, 16448 सहायक अध्यापक भर्ती,
29334 सहायक अध्यापक भर्ती सहित अन्य तमाम भर्तियां अटकी पड़ी हैं।