जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत कई
शिक्षकों की नींद गायब हो गई है। एक के बाद दूसरी जांच हो रही है, जिसके
चलते शिक्षकों के होश उड़ गए हैं।
इस बार तो शासन ने फर्जी शिक्षकों की जांच
के लिए बनाई गई कमेटी में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल कर लिया
है। साथ ही 2010 के बाद नियुक्त होने वाले सभी शिक्षकों की जांच के आदेश
दिए हैं। इधर बीएसए अपने स्तर से 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों की जांच करा
रहे हैं।
मथुरा में फर्जी शिक्षक मिलने के बाद में फीरोजाबाद में भी फर्जी
शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में नगर विधायक ने शिकायत की थी। इस पर जांच
चल रही है। इधर शासन ने अब सात जिलों के लिए एक विशेष जांच कमेटी का गठन
करने के आदेश दिए हैं। इनमें फीरोजाबाद का भी नाम शामिल है। अपर जिलाधिकारी
की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में अपर पुलिस अधीक्षक और एडी बेसिक को
शामिल करने के निर्देश दिए हैं। विभागीय स्तर पर होने वाली जांच में तो
शिक्षक जैसे-तैसे से¨टग बनाने में सफल हो ही जाते थे, लेकिन इस जांच में
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के शामिल होने से वो परेशान हैं, जिन्होंने
प्रमाण पत्रों में हेर-फेर करके नौकरी हासिल की है।
पहले से चल रही जांच
* स्थानीय स्तर पर : बीएसए अर¨वद कुमार पाठक द्वारा अपने स्तर पर
शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन खंड शिक्षाधिकारियों से कराया जा रहा
है। सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। वहीं शिक्षकों की सर्विस
बुक से फोटो का मिलान कराया जा रहा है।
* शासन स्तर पर : नगर विधायक की शिकायत पर तीन अलग-अलग जिलों के
शिक्षाधिकारियों की एक टीम पिछले दिनों फीरोजाबाद में आकर 2011 से होने
वाली नियुक्तियों के संबंध में रिपोर्ट तलब कर चुकी है। डायट के साथ में
बेसिक शिक्षा विभाग से भी टीम ने डाटा तलब किया है।
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