इस संबंध में बीएसए हाथरस हरिश्चंद को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।
फर्जी शिक्षक भर्ती के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग पहले से ही शासन के निशाने पर था। पड़ोसी जिला मथुरा में एसटीएफ के छोपे मारी में कई अधिकारियों व बाबुओं के साथ जिले के एक राजकीय हाईस्कूल का शिक्षक भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके बाद से लगातार हाथरस में भी फर्जी शिक्षकों की भर्ती की शिकायतें सामने आ रही थी। शासन ने अब जिले में फर्जी शिक्षकों की भर्ती के मामले में विभागीय जांच कराने का निर्णय लिया है।
जबकि जिले में फर्जी शिक्षकों के मामलों में पहले से भी कई जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। कुछ मामलों में एसटीएफ की टीम भी जांच कर रही है। तो कुछ फर्जी शिक्षकों की एफआईआर दर्ज होने के बाद स्थानीय हाथरस गेट पुलिस भी जांच कर रही है।
शासन की ओर से अब विभाग में तैनात सभी शिक्षकों की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बुलंदशहर के प्राचार्य महेंद्र सिंह राणा, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा बुलंदशहर एवं उप प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इटावा को जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है। यह टीम कभी भी जिले में जांच के लिए डेरा जमा सकती है।
शासन के इस निर्णय के बाद बेसिक शिक्षा विभाग हाथरस में इन दिनों खलबली मची हुई है। यह जांच टीम विभाग में हाल ही में नियुक्ति किए गए सभी शिक्षक भर्ती के मामलों की जांच करेगी। इसके साथ ही विभाग के जिन फर्जी शिक्षकों की शिकायत के बाद विभागीय जांच चल रही है। उन सभी शिक्षकों के रिकॉर्ड की विशेष रूप से जांच की जाएगी।
-शासन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। जिसकी सूचना प्राप्त हुई है। जांच में जो भी अभिलेख टीम द्वारा मांगे जाएंगे। उनको उपलब्ध कराकर हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
-हरिश्चंद, बीएसए
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