फर्जी शिक्षक के मामले में आंखे मूंद कर बैठ गया शिक्षा विभाग

पीलीभीत : दुर्जनपुर के परिषदीय स्कूल में पढ़ाने वाले फर्जी शिक्षक को स्टाफ ने कार्रवाई के भय के चलते हटा दिया लेकिन विभागीय अधिकारी इस मामले को दबाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
स्टाफ से मिली भगत के चलते वर्षों से पढ़ाने और रुपये वसूलने की जांच करने के लिए शिक्षा विभाग से कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। मामला चर्चा में आने के बाद भी अधिकारी आंखे मूद कर बैठे हुए हैं।
एक फर्जी शिक्षक कई वर्षाें से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहा था। यह स्कूल के बीआरसी क्षेत्र के गांव दुर्जनपुर के उच्च प्राथमिक स्कूल में एक फर्जी शिक्षक बीते कई वर्षाें से पढ़ा रहा था। इस स्कूल में कई शिक्षक व शिक्षामित्र तैनात होने से स्टाफ की कमी नहीं है लेकिन इसके बावजूद फर्जी शिक्षक से शिक्षण कार्य कराया जा रहा था।

विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं शुरू कराई है। हालांकि शिक्षक को स्कूल से हटा दिया गया है लेकिन बच्चों से लिए रुपये दिलाने और वर्षों तक फर्जी शिक्षक को सह देने वाले विभाग के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। सच्चाई सामने आने के बाद भी विभागीय अधिकारी शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। बीईओ लक्ष्मीनरायण ने बताया कि इस संबध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। इनसेट
कार्रवाई तो दूर जांच करना भी अधिकारियों ने नहीं समझा मुनासिब
कैसे वापस होगा पढ़ाने के नाम पर बच्चों से लिए गए रुपये

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