उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) यानि यूपी परीक्षा अब तक के
सर्वाधिक पदों के साथ ही अभ्यर्थियों के लिए एक नई सौगात लेकर आ रही है।
इस परीक्षा से उप्र लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों से दो मनचाहे जिलों का
विकल्प मांगने की शुरुआत भी करेगा।
परीक्षा में माइनस मार्किंग लागू की
जाएगी। कुछ बिंदुओं पर शासन से मांगी गई जानकारी मिलते ही सितंबर माह की
शुरुआत में विज्ञापन जारी होने की संभावना है।1पीसीएस जे परीक्षा की
यूपीपीएससी जोर शोर से तैयारी कर रहा है। रिक्तियों की संख्या लगभग तय हो
चुकी है। 611 पदों पर चयन के लिए परीक्षा पहले की तरह ही तीन चरणों में
होगी। इसकी प्रारंभिक परीक्षा की तारीख अभी तय नहीं है लेकिन, आवेदन मांगने
के लिए विज्ञापन सितंबर में जारी करने की तैयारी है। पीसीएस जे परीक्षा
2018 में पदों की सर्वाधिक संख्या होने पर चयन के अवसर अधिक होने, तैयारी
के लिए पर्याप्त समय मिलने और यूपीपीएससी की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं की
बेहतरी के लिए हो रहे तमाम निर्णय कई मायने में लाखों अभ्यर्थियों के लिए
फायदेमंद हो सकते हैं। सबसे अहम निर्णय अभ्यर्थियों के मनचाहे जिलों में
परीक्षा केंद्र आवंटन की काफी दिनों से चली आ रही मांग को देखते हुए लिया
जा रहा है। यूपीपीएससी , की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से दो
जिलों का विकल्प मांगेगा। यह शुरुआत सफल रहने पर आगे सभी प्रतियोगी
परीक्षाओं में यह नीति लागू रखने की योजना है। परीक्षा के लिए विज्ञापन
जारी करने से पहले कुछ बिंदुओं पर भ्रम होने के चलते यूपीपीएससी ने शासन से
मार्गदर्शन मांगा है। सूत्रों का कहना है कि इसमें लैंड लॉ यानि भू
अधिनियम हालिया दिनों में खत्म कर देने और इसके बदले राजस्व अधिनियम लाए
जाने पर मार्गदर्शन का प्रमुख बिंदु शामिल है। इस पर स्थिति स्पष्ट होते ही
यूपीपीएससी भर्ती का विज्ञापन जारी करेगा। यूपीपीएससी के सचिव जगदीश का
कहना है कि एक-दो बिंदुओं पर असमंजस होने पर शासन से मार्गदर्शन मांगा है।
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