केस वन: प्राथमिक स्कूल एका द्वितीय में तैनात शिक्षक हरीशंकर को भी
विभाग ने समायोजित कर दिया। इसमें 146 छात्रों पंजीकृत हैं और नियमानुसार
यहां पांच शिक्षक होने चाहिए। यहां तीन शिक्षक तैनात थे। विभाग को समायोजन
में दो शिक्षक भेजने चाहिए थे, लेकिन एक शिक्षक को हटाना किसी की समझ नहीं आ
रहा है।
केस टू: ब्लॉक खैरगढ़ का सांती प्राथमिक स्कूल। स्कूल में तीन विज्ञान
की शिक्षिका हैं। रजनी यहां पर सीनियर हैं तो उनसे दो जूनियर। शासनादेश के
अनुसार विज्ञान एवं गणित के शिक्षक एक से अधिक होने पर जूनियर को हटाना था,
लेकिन यहां से रजनी को हटाकर दूसरे ब्लॉक में भेजा गया है, जबकि रजनी ने
प्रत्यावेदन भी दिया था। जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: यह तो सिर्फ उदाहरण
है। समायोजन में चहेतों की खातिर बेसिक शिक्षा विभाग ने नियमों को खूंटी पर
टांग दिया। जिले भर में होने वाले समायोजन पर पहले दिन से ही अंगुलियां
उठने लगी थी, लेकिन उस वक्त इसे ब्लॉक स्तर पर होने वाली गड़बड़ी बताते हुए
विभाग ने दुरुस्त करने का भरोसा दिलाया था। समायोजन लिस्ट जारी होने के बाद
पूरी सूची पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिन स्कूलों को शिक्षकों की जरूरत थी,
बाबूओं की मिलीभगत से उनसे शिक्षकों को समायोजन के बाद हटा दिया गया है तो
जिन स्कूलों में शिक्षक चाहिए थे, वहां पर भी नहीं भेजे गए।
विभाग ने समायोजन करते वक्त शिक्षकों के वरिष्ठता क्रम को भी नजरअंदाज
किया है। शासन से साफ आदेश थे कि जूनियर शिक्षकों को हटाया जाए, लेकिन जिस
तरह से सूची तैयार की गई है, उससे साफ है शिक्षकों को लाभ देने की मंशा से
नियमों को दरकिनार किया है। जूनियर हाईस्कूल चनौरा में दो विज्ञान शिक्षक
हैं, लेकिन इसके बाद भी यहां से दिव्यांग शिक्षिका को हटा दिया गया है,
जबकि नियम से जूनियर महिला शिक्षिका का समायोजन होना था। एका ब्लॉक में
स्थित चंदनपुर स्कूल में ही देखें। 67 छात्र-छात्रा होने के कारण यहां पर
कम से नियम से तीन शिक्षक होने चाहिए। वर्तमान में दो शिक्षकों की तैनाती
है, एक शिक्षक को और भेजा जाना था, लेकिन यहां से एक शिक्षक को समायोजन में
शामिल कर हटा दिया है। शिकोहाबाद के असुआ में शैलेंद्र को वरिष्ठ होने के
बाद भी हटा दिया गया। इस तरह की विसंगतियां पूरे जिले भर के स्कूलों में
हैं।
आखिर व्यक्तिगत आदेश पत्र क्यों हुए जारी : बेसिक शिक्षा विभाग ने
समायोजन की एक सूची जारी करने के स्थान पर व्यक्तिगत आदेश पत्र जारी किए
हैं, जो विभाग की मंशा पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। एक तरफ विभाग पारस्परिक
स्थानांतरण की संख्या कम होने पर भी उनके सामूहिक आदेश पत्र (सूची) ही जारी
कर रहा है तो दूसरी तरफ समायोजन में व्यक्तिगत पत्र जारी किए गए हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो कई शिक्षकों ने मनमाने स्कूलों का आवंटन पाया
है, ऐसे में सामूहिक पत्र जारी होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लिहाजा
व्यक्तिगत पत्र जारी किए हैं।
काउंसि¨लग के नाम पर दिखावा, मनमाने दिए स्कूल : सूत्रों की मानें तो
काउंसि¨लग के नाम पर दिखावा किया गया है। शिकोहाबाद की एक शिक्षिका
काउंसि¨लग में शिकोहाबाद के स्कूलों को भर कर आई थी, लेकिन उन्हें एका भेजा
गया है, जबकि उनके बाद में काउंसि¨लग में जिस शिक्षिका का नंबर था, उसे
शिकोहाबाद के स्कूल दिए गए हैं। इस तरह के कई मामले हैं। समायोजन में काफी
विसंगतियां हैं और शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम इन
खामियों के खिलाफ कोर्ट भी जाएंगे। -डॉ.शौर्यदेव मणि यादव, जिलाध्यक्ष,
प्राथमिक शिक्षक संघ फीरोजाबाद
समायोजन पूरी तरह नियम से होना चाहिए था। जिन शिक्षकों को नियम के विरुद्ध समायोजित किया गया है, उनकी बात शैक्षिक महासंघ उठाएगा।
-सोनल शर्मा, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ फीरोजाबाद
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