एमपी, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्य दूसरे राज्यों के
युवाओं को अपने यहां सरकारी नौकरियों में आने से रोकने के लिए पाबंदियां
लगा रहे हैं। उत्तरप्रदेश ने भी शिक्षक भर्ती परीक्षा में यूपी के मूल
निवासी का नियम जोड़ दिया। ऐसा कर यूपी सरकार ने बड़ी संख्या में राजस्थानी
बेरोजगारों को भर्ती से बाहर कर दिया है।
यूपी में सहायक अध्यापक के ६८५०० पदों पर भर्ती निकाली गई। इसका परिणाम
भी निकल गया मगर यूपी सरकार ने भर्ती नियमों में संशोधन कर ५ वर्षों से
संबंधित प्रदेश के निवासी होने की शर्त जोड़ दी। ऐसे में राजस्थान के युवा
भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूदद नौकरी से वंचित हो गए। गौरतलब है
कि ६८ हजार पदों के लिए यूपी के केवल ४१ हजार युवा ही उत्तीर्ण हो पाए। फिर
भी अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका नहीं दिया गया। ऐसे में राजस्थान
के बेरोजगार युवा भी अब दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए केवल ५-१० फीसदी
कोटा तय करने की मांग कर रहे हैं।
आरक्षित पद के लिए मूल निवासी जरूरी
राजस्थान में
भी नौकरियों में मूल निवासी होने की शर्त जोड़ रखी है लेकिन यह केवल
आरक्षित पदों के लिए है। ऐसे में अजा-जजा व पिछड़े वर्ग के लिए ही मूल
निवासी होना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के अनारक्षित पदों पर किसी भी राज्य
के युवा आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए कोई कोटा तय नहीं है।
मध्यप्रदेश, पंजाब और हरियाणा ने ऐसे रोका
मध्यप्रदेश
में पिछले दिनों निकाली गई पटवारी भर्ती में एमपी का मूल निवासी होने की
शर्त लगा दी गई थी। जबकि अन्य भर्तियों में दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए
अधिकतम आयु २५ वर्ष निर्धारित कर रखी है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा में
भी बाहरी राज्यों के लिए १५ फीसदी कोटा निर्धारित किया हुआ है। जबकि
राजस्थान में ऐसा नहीं है। यहां अब तक न तो कोई कोटा निर्धारित किया गया है
और न ही आयु सीमा पर कोई पाबंदी लगाई गई है। बल्कि पिछले महीनों में
निकाली गई भर्तियों में तो प्रदेश की तरह दूसरे राज्यों के युवाओं को भी
अधिकतम ४० वर्ष उम्र का लाभ मिला।
दूसरे राज्यों के २.५ लाख आवेदन
फरवरी में तृतीय
श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए हुई रीट परीक्षा में यूपी, हरियाणा, एमपी सहित
आसपास के राज्यों के युवा बड़ी संख्या में बैठे थे। रीट २०१७ करीब ९ लाख
अभ्यर्थियों ने दी थी। इनमें से २.५ लाख दूसरे राज्यों के थे। तब से ही
बेरोजगार युवा दूसरे राज्यों के लिए कोटा निर्धारित करने की मांग कर रहे
हैं।
राज्य के बेरोजगार लम्बे समय से दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए कोटा
निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं मगर सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही
है। इस संबंध में २८ मई को सचिवालय में मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक
भी हुई लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। दूसरे राज्यों के युवाओं के
लिए ५-१० फीसदी कोटा तय किया जाना ही चाहिए।
- उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ
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