गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर
में एम्स के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ निर्माण कार्यों की खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
वे अधिकारियों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देते रहते हैं. ऐसे में 2019 के मार्च माह तक एम्स की ओपीडी को शुरू करने के भरसक प्रयास किए जा रहे है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले चरण में 34 शिक्षकों समेत 57 डाक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. डाक्टरों की भर्ती के लिए www.aiimsjodhpur.edu.in/aiimsgorakhpur पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजस्थान के जोधपुर स्थित एम्स के माध्यम से गोरखपुर एम्स में डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे हैं. पहले चरण में 34 शिक्षकों समेत 57 डाक्टरों की नियुक्ति होनी है. इनमें 23 रेजीडेंट के पद भी शामिल हैं. शिक्षकों के पद स्थायी हैं. जबकि रेजीडेंट की भर्ती एक साल के लिए संविदा पर होगी. एम्स में कुल 11 विभाग खुलेंगे. 10 विभागों की ओपीडी संचालित होगी. 11 विभागों के लिए प्रोफेसर के छह, एडिशनल प्रोफेसर के छह, ऐसोसिएट प्रोफेसर के 11 और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं.
ऑनलाइन आवदेन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी है. गायनी और जनरल सर्जरी विभाग में सबसे अधिक चार-चार शिक्षकों की भर्ती होगी. इसके साथ ही एम्स में पहले चरण में 11 विभागों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है. इनमें रेडियोडायग्नोसिस को छोड़कर 10 विभागों की ओपीडी संचालित होगी.
शिक्षकों की भर्ती के साथ ही 23 रेजीडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं. रेजीडेंट डाक्टरों की तैनाती एक साल के लिए संविदा पर की जाएगी. हर विभाग में एक-एक जूनियर रेजीडेंट के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इसके अलावा एक अतिरिक्त नॉन मेडिकल जूनियर रेजीडेंट की भी भर्ती होगी. इन पदों पर आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोरखपुर में बन रहे एम्स के निर्माण, ओपीडी संचालन और डाक्टरों की नियुक्ति के लिए जोधपुर एम्स के निदेशक डा. संजीव मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी है. जोधपुर एम्स से ही यहां हो रहे सभी कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए वहां गोरखपुर एम्स का स्पेशल सेल बनाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने गोरखपुर दौरे के दौरान एम्स के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते रहते हैं.
इसके साथ ही वे निर्माण के तेजी के अधिकारियों को निर्देश के साथ मार्च में ओपीडी शुरू कराने के लिए भी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब पूर्वी यूपी के साथ बिहार और नेपाल से आने वाले दो करोड़ मरीजों को भी एम्स की सुविधा जल्द ही उनके क्षेत्र में मिल सकेगी.
वे अधिकारियों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देते रहते हैं. ऐसे में 2019 के मार्च माह तक एम्स की ओपीडी को शुरू करने के भरसक प्रयास किए जा रहे है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले चरण में 34 शिक्षकों समेत 57 डाक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. डाक्टरों की भर्ती के लिए www.aiimsjodhpur.edu.in/aiimsgorakhpur पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजस्थान के जोधपुर स्थित एम्स के माध्यम से गोरखपुर एम्स में डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे हैं. पहले चरण में 34 शिक्षकों समेत 57 डाक्टरों की नियुक्ति होनी है. इनमें 23 रेजीडेंट के पद भी शामिल हैं. शिक्षकों के पद स्थायी हैं. जबकि रेजीडेंट की भर्ती एक साल के लिए संविदा पर होगी. एम्स में कुल 11 विभाग खुलेंगे. 10 विभागों की ओपीडी संचालित होगी. 11 विभागों के लिए प्रोफेसर के छह, एडिशनल प्रोफेसर के छह, ऐसोसिएट प्रोफेसर के 11 और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं.
ऑनलाइन आवदेन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी है. गायनी और जनरल सर्जरी विभाग में सबसे अधिक चार-चार शिक्षकों की भर्ती होगी. इसके साथ ही एम्स में पहले चरण में 11 विभागों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है. इनमें रेडियोडायग्नोसिस को छोड़कर 10 विभागों की ओपीडी संचालित होगी.
शिक्षकों की भर्ती के साथ ही 23 रेजीडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं. रेजीडेंट डाक्टरों की तैनाती एक साल के लिए संविदा पर की जाएगी. हर विभाग में एक-एक जूनियर रेजीडेंट के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इसके अलावा एक अतिरिक्त नॉन मेडिकल जूनियर रेजीडेंट की भी भर्ती होगी. इन पदों पर आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोरखपुर में बन रहे एम्स के निर्माण, ओपीडी संचालन और डाक्टरों की नियुक्ति के लिए जोधपुर एम्स के निदेशक डा. संजीव मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी है. जोधपुर एम्स से ही यहां हो रहे सभी कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए वहां गोरखपुर एम्स का स्पेशल सेल बनाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने गोरखपुर दौरे के दौरान एम्स के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते रहते हैं.
इसके साथ ही वे निर्माण के तेजी के अधिकारियों को निर्देश के साथ मार्च में ओपीडी शुरू कराने के लिए भी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब पूर्वी यूपी के साथ बिहार और नेपाल से आने वाले दो करोड़ मरीजों को भी एम्स की सुविधा जल्द ही उनके क्षेत्र में मिल सकेगी.