मेरठ। केंद्रीय विद्यालय संगठन सत्र 2019 से नियुक्त होने वाले
शिक्षकों से सर्विस श्योरिटी बांड भरवाएगा। मेरठ के तीनों केवी सहित देशभर
के सभी केंद्रीय विद्यालयों में यह नियम लागू हो गया है। इसके तहत शिक्षक
दो साल से पहले नौकरी नहीं छोड़ पाएंगे।
कॉरपोरेट सिस्टम और मल्टीनेशनल कंपनियों की तरह संगठन ने सर्विस श्योरिटी बांड को शुरू किया है। इसके तहत अगर शिक्षक ने नियुक्ति होने के दो साल से पहले स्कूल को छोड़ा, तो शिक्षक को दो लाख रुपये की धनराशि देनी पड़ेगी। यह नियम दूसरे केवी में तबादला कराने और पद से इस्तीफा देने दोनों ही स्थितियों पर लागू होगा। देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में इस समय शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। शिक्षक नियुक्ति के वक्त किसी भी केवी में ज्वाइन कर लेते हैं। लेकिन कु छ समय बाद ही दूसरे केवी में तबादला करने की मांग करते हैं। अधिकांश शिक्षक घरों के पास के केवी में तबादला करा लेते हैं।
शिक्षक ों के यूं बीच में विद्यालय छोड़कर जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसका असर बोर्ड परीक्षा के परिणामों पर आता है। साथ ही स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात गड़बड़ाने लगता है। किसी विद्यालय में पूरे शिक्षक हो जाते हैं, तो दूरस्थ क्षेत्र के केवी में शिक्षकों की संख्या कम रह जाती है। इन परेशानियों को दूर करने के लिए संगठन ने अपनी 113वीं अधिशासी बैठक में यह निर्णय लिया है।
संगठन ने इस निर्णय की प्रति मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेज दी है। संगठन ने पहले बांड की राशि को पांच लाख रुपये तय किया था। बाद में इसे घटाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया। इन दिनों केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियां चल रही हैं। करीब आठ हजार शिक्षकों की नियुक्तियां देशभर में होनी हैं। करीब दो हजार शिक्षकों की भर्ती हो भी चुकी है।
वर्जन
शिक्षक केवी में नौकरी ज्वाइन कर ट्रांसफर करवाने का जोर लगाते हैं, दूसरी नौकरी लगने पर केवी की नौक री छोड़ देते हैं। इसलिए संगठन ने यह नियम लागू किया है। 2019 से जो भी नियुक्तियां हो रही हैं, उन श़िक्षकों से दो साल का बांड भरवाया जा रहा है। -आरके शर्मा, प्रिंसिपल केवी पंजाब लाइंस
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शिक्षक ों के यूं बीच में विद्यालय छोड़कर जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसका असर बोर्ड परीक्षा के परिणामों पर आता है। साथ ही स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात गड़बड़ाने लगता है। किसी विद्यालय में पूरे शिक्षक हो जाते हैं, तो दूरस्थ क्षेत्र के केवी में शिक्षकों की संख्या कम रह जाती है। इन परेशानियों को दूर करने के लिए संगठन ने अपनी 113वीं अधिशासी बैठक में यह निर्णय लिया है।
संगठन ने इस निर्णय की प्रति मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेज दी है। संगठन ने पहले बांड की राशि को पांच लाख रुपये तय किया था। बाद में इसे घटाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया। इन दिनों केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियां चल रही हैं। करीब आठ हजार शिक्षकों की नियुक्तियां देशभर में होनी हैं। करीब दो हजार शिक्षकों की भर्ती हो भी चुकी है।
वर्जन
शिक्षक केवी में नौकरी ज्वाइन कर ट्रांसफर करवाने का जोर लगाते हैं, दूसरी नौकरी लगने पर केवी की नौक री छोड़ देते हैं। इसलिए संगठन ने यह नियम लागू किया है। 2019 से जो भी नियुक्तियां हो रही हैं, उन श़िक्षकों से दो साल का बांड भरवाया जा रहा है। -आरके शर्मा, प्रिंसिपल केवी पंजाब लाइंस
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