लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक विद्यालयों की तरह परिषदीय स्कूलों में भी अगले शैक्षिक सत्र से एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को लागू करने का निर्देश दिया है। प्रदेश में 1.59 लाख परिषदीय स्कूल हैं जिनमें 1.57 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं।
सोमवार को लोकभवन में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों के कामकाज की समीक्षा के दौरान योगी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें, स्कूल बैग, यूनीफॉर्म, जूते-मोजे, स्वेटर आदि समय पर उपलब्ध कराये जाएं। इसमें पारदर्शिता के लिए विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत आधार नामांकन कराया जाए। उन्होंने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की बेतरतीब तैनाती पर नाराजगी जतायी। अध्यापकों की तैनाती शिक्षक-छात्र के मानक अनुपात के अनुसार करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जून में ही शिक्षकों के तबादले पूरे कर लिए जाएं। बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल और दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
गठित होगा शिक्षा सेवा चयन आयोग : माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों की भर्ती शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिये कराने का निर्देश दिया। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित करने के लिए कहा। वहीं हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही भरे जाने का निर्देश दिया।
व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करें उपयोगी विषय : मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व व कौशल विकास के लिए सत्र 2019-20 से व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषयों के रूप में दैनिक जीवन में उपयोगी विषयों को शामिल करने का भी सुझाव दिया।
यह निर्देश भी दिए
’विद्यालयों में सुबह प्रार्थना सभा तथा अन्तिम पीरियड में शारीरिक गतिविधियां अनिवार्य रूप से आयोजित हों।
’कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय माध्यमिक स्तर तक उच्चीकृत किये जाएं। उनके निरीक्षण और सुरक्षा का इंतजाम हो।
’अमेठी, गाजियाबाद, संभल, कासगंज व शामली में जल्द स्थापित किये जाएं डायट।
’राज्य पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी हो।
’मिड-डे मील के तहत बच्चों को दिया जाने वाला दूध संस्थागत ढंग से प्राप्त किया जाना चाहिए। इसकी गुणवत्ता जांची जाए।
’ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत संरचना का किया जाए विकास।
’किसी पटल पर फाइल तीन दिन से अधिक नहीं रुके।
’अध्यापकों विशेष तौर पर संस्कृत शिक्षकों की समस्याएं समय से निस्तारित हों।
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सोमवार को लोकभवन में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों के कामकाज की समीक्षा के दौरान योगी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें, स्कूल बैग, यूनीफॉर्म, जूते-मोजे, स्वेटर आदि समय पर उपलब्ध कराये जाएं। इसमें पारदर्शिता के लिए विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत आधार नामांकन कराया जाए। उन्होंने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की बेतरतीब तैनाती पर नाराजगी जतायी। अध्यापकों की तैनाती शिक्षक-छात्र के मानक अनुपात के अनुसार करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जून में ही शिक्षकों के तबादले पूरे कर लिए जाएं। बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल और दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
गठित होगा शिक्षा सेवा चयन आयोग : माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों की भर्ती शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिये कराने का निर्देश दिया। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित करने के लिए कहा। वहीं हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही भरे जाने का निर्देश दिया।
व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करें उपयोगी विषय : मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व व कौशल विकास के लिए सत्र 2019-20 से व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषयों के रूप में दैनिक जीवन में उपयोगी विषयों को शामिल करने का भी सुझाव दिया।
यह निर्देश भी दिए
’विद्यालयों में सुबह प्रार्थना सभा तथा अन्तिम पीरियड में शारीरिक गतिविधियां अनिवार्य रूप से आयोजित हों।
’कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय माध्यमिक स्तर तक उच्चीकृत किये जाएं। उनके निरीक्षण और सुरक्षा का इंतजाम हो।
’अमेठी, गाजियाबाद, संभल, कासगंज व शामली में जल्द स्थापित किये जाएं डायट।
’राज्य पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी हो।
’मिड-डे मील के तहत बच्चों को दिया जाने वाला दूध संस्थागत ढंग से प्राप्त किया जाना चाहिए। इसकी गुणवत्ता जांची जाए।
’ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत संरचना का किया जाए विकास।
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’अध्यापकों विशेष तौर पर संस्कृत शिक्षकों की समस्याएं समय से निस्तारित हों।
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