न टीचर, न किताबें, खुल गए अंग्रेजी माध्यम जूनियर हाईस्कूल

वाराणसी. सूबे की शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। सालों साल से चाहे माध्यमिक शिक्षा हो या बेसिक एजूकेशन केवल नकल की जा रही है। अब हिंदी माध्यम स्कूलों में लड़के नहीं आ रहे तो अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं। सरकार के आदेश पर अप्रैल से शुरू नए सत्र से ही ये स्कूल खुल भी गए हैं।
लेकिन इन स्कूलो के लिए न टीचर हैं न किताबे। ऐसे में ये बच्चे जो इन स्कूलों में दाखिला लेंगे उन्हें कौन पढ़ाएगा और वो बिना किताबों के पढेंगे क्या? यानी यह योजना भी परवान चढने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है।
बता दें कि सरकार ने इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम के जूनियर हाईस्कूल खोलने का निर्णय किया है। इसके तहत बेसिक शिक्ष परिषद ने सूबे के 46 हजार से अधिक जूनियर हाईस्कूलों में से मॉडल के तौर पर फिलहाल एक हजार स्कूल खोलने का निर्णय किया है। इसके तहत बनारस के सभी आठ ब्लॉक में एक-एक अंग्रेजी माध्यम जूनियर हाईस्कूल खोलने की तैयारी है। हालांकि सत्र के अनुसार स्कूल अप्रैल में ही खोल दिए गए हैं। लेकिन विभागीय सूत्र बतातें हैं कि अब तक कक्ष 6 से 8 तक के बच्चों के लिए किताबें तैयार नहीं हो सकी हैं। हाल यह है कि जिस गति से किताबें छपवाने और अनुवाद का काम चल रहा है उस हिसाब से कम से कम तीन से चार महीने लग जाएंगे किताबें उपलब्द्ध होने में।
सूत्र बतातें हैं कि अब तक कक्षा 6 व 8 तक की इतिहास, भूगोल व महान व्यक्तित्व तथा कक्षा सात की इतिहास, भूगोल की किताबों का ही हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद हो पाया है। यानी कुल 24 में से आठ किताबें ही तैयार हो पाई हैं। अभी 16 किताबें तैयार होनी बाकी हैं। जिन किताबों का अनुवाद नहीं हो सका है उनमें छठवीं कक्षा की गणित, आओ समझें विज्ञान, कृषि विज्ञान,गृह शिल्प तथा आठवीं कक्षा की आओ समझें विज्ञान, कृषि विज्ञान व गृह शिल्प की किताबें प्रमुख हैं।
इस अंग्रेजी माध्यम जूनियर हाईस्कूल के बाबत जब पत्रिका ने वाराणसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि नहीं किताबें तो तैयार हैं, कुछ वर्क अभी तैयार नहीं है लेकिन वह भी जल्द ही मिल जाएगी। टीचर्स के बाबत पूछे गए सवाल पर बीएसए ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए टीचर्स की भर्ती के लिए 24 जून को लिखित परीक्षा होगी। जुलाई तक इस एग्जाम का रिजल्ट आ जाएगा और रिजल्ट आते ही शिक्षकों की भर्ती कर पढाई शुरू करा दी जाएगी।

अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का चयन समिति द्वारा करने की प्रक्रिया है। समिति में डायट प्राचार्य अध्यक्ष, राजकीय इंटर कॉलेज के अंग्रेजी प्रवक्ता, अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ सदस्य और बीएसए सचिव होंगे। समिति द्वारा चयन हेतु 50 अंक की लिखित परीक्षा तथा 50 अंक की व्यक्तित्व परीक्षा ली जाएगी। चयनित शिक्षकों का डायट पर पांच-पांच दिन का दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले साल शिक्षकों के न मिलने के कारण मजबूरी में इच्छुक व योग्य शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से हटकर की गई।
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