इलाहाबाद/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की
परीक्षाओं से विवाद का नाता चोली-दामन सा हो गया है। एक के बाद एक सभी
परीक्षाओं में धांधली की शिकायतें आ रही हैं और आयोग से विवाद थमने का नाम
नहीं ले रहा है। ताजा मामला यूपी पीसीएस जे का है।
मेंस परीक्षा 2018 का रिजल्ट जारी होते ही परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर परीक्षा निरस्त कराने के लिए प्रतियोगी छात्र सड़क पर उतरे आये हैं। लोकसेवा आयोग गेट के सामने प्रदर्शन और हंगामे का दौर फिर से शुरू हो गया है। आयोग की परीक्षा नियंत्रक रही अंजू की गिरफ्तारी व पीसीएस व शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का क्रम अभी शांत ही हुआ था कि आयोग फिर से एक और आग में झोंक दिया जा रहा है।
मामले में परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है कि प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में अनुक्रमांक 005515 से 005556 के क्रम में बैठे सारे अभ्यर्थी सफल हो गए, अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया है कि यह कैसे हो गया है? मामले में अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार की शिकायत की है और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायती पत्र भेज कर इस परीक्षा को रद्द कराये जाने की मांग की है।
आयोग सचिव ने ये कहा
अभ्यर्थियों से ज्ञापन लेने के बाद आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि पीसीएस-जे 2018 परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई धांधली नहीं है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं और फेल होने वाले अभ्यर्थी इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। सचिव ने सफाई देते हुये कहा कि इस बार पीसीएस जे की परीक्षा में आयोग के एक सदस्य का बेटा भी शामिल हुआ था, जो प्री में तो पास था, लेकिन मेंस में वह फेल हो गया है। अगर कोई धांधली होती तो क्या सदस्य का बेटा फेल होता? सचिव ने स्पष्ट किया कि जब प्री का रिजल्ट आया तब ऐसी किसी शिकायत का मामला सामने नहीं आया। अब जब मेंस का रिजल्ट आया है तो प्री में गड़बडी की बात कही जा रही है, जबकि पूरा मामला कोर्ट के निर्देशानुक्रम में ही चल रहा है।
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मामले में परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है कि प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में अनुक्रमांक 005515 से 005556 के क्रम में बैठे सारे अभ्यर्थी सफल हो गए, अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया है कि यह कैसे हो गया है? मामले में अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार की शिकायत की है और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायती पत्र भेज कर इस परीक्षा को रद्द कराये जाने की मांग की है।
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