69000 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पकड़ा गया डॉ कृष्ण लाल पटेल और उसके साथी का नाम व्यापम घोटाले में भी आया था। गुरुवार को मुकदमा दर्जहोते ही एएसपी की टीम ने घेराबंदी करके डॉपटेल को हिरासत में ले लिया। पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि एक सीएचसी में तैनात डॉ पटेल के कई कॉलेज हैं। तब उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर उसकी सैलरी रोक दी गई थी।
शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने के लिएएएसपी अशोक वेंकटेश, एएसपी अनिल यादव और क्राइम ब्रांच को भी लगा दिया गया। डॉ पटेल की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसका एक साथी फरार है, जो व्यापम घोटाले में भी संदिग्ध था। इस फर्जीवाड़े में पकड़ा गया एक आरोपी आलोक खाद्य एवं रसद विभाग में तैनात है। पुलिस ने छापेमारी की तो आलोक के पास से कई प्रमाणपत्र और चेक मिले हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल है।
गौरतलब है कि डॉ केएल पटेल के खिलाफ अभ्यर्थियों ने शुरूमें ही आरोप लगाया था कि इन्होंने अपने क्षेत्र के कुछ अभ्यर्थियों की सेटिंग करके ज्यादा अंक दिलाएं हैं। पीड़ित राहुल ने जब सोरांव थाने में गुरुवार को डॉ पटेल समेत आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस की कार्रवाई में कई राज खुले। वहीं एक अभ्यर्थी ने हिन्दुस्तान को बताया कि दिसंबर 2018 में टीईटी में कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिन्होंने 70 से 80 नंबर पाए थे। एक महीना बाद ही जनवरी 2019 में जब शिक्षक भर्ती की परीक्षा हुई तो उन्हीं अभ्यर्थियों को 140 या उससे अधिक मिले।ऐसे 34 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है जिन्होंने 140 या उससे ज्यादा नंबर पाए हैं। सवाल उठना स्वाभाविक है कि टेट में इतना कम नंबर पाने वाला एक महीने में ऐसे कौन सी पढ़ाई कर ली कि वह टॉपर की सूची में शामिल हो गए।
शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने के लिएएएसपी अशोक वेंकटेश, एएसपी अनिल यादव और क्राइम ब्रांच को भी लगा दिया गया। डॉ पटेल की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसका एक साथी फरार है, जो व्यापम घोटाले में भी संदिग्ध था। इस फर्जीवाड़े में पकड़ा गया एक आरोपी आलोक खाद्य एवं रसद विभाग में तैनात है। पुलिस ने छापेमारी की तो आलोक के पास से कई प्रमाणपत्र और चेक मिले हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल है।
गौरतलब है कि डॉ केएल पटेल के खिलाफ अभ्यर्थियों ने शुरूमें ही आरोप लगाया था कि इन्होंने अपने क्षेत्र के कुछ अभ्यर्थियों की सेटिंग करके ज्यादा अंक दिलाएं हैं। पीड़ित राहुल ने जब सोरांव थाने में गुरुवार को डॉ पटेल समेत आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस की कार्रवाई में कई राज खुले। वहीं एक अभ्यर्थी ने हिन्दुस्तान को बताया कि दिसंबर 2018 में टीईटी में कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिन्होंने 70 से 80 नंबर पाए थे। एक महीना बाद ही जनवरी 2019 में जब शिक्षक भर्ती की परीक्षा हुई तो उन्हीं अभ्यर्थियों को 140 या उससे अधिक मिले।ऐसे 34 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है जिन्होंने 140 या उससे ज्यादा नंबर पाए हैं। सवाल उठना स्वाभाविक है कि टेट में इतना कम नंबर पाने वाला एक महीने में ऐसे कौन सी पढ़ाई कर ली कि वह टॉपर की सूची में शामिल हो गए।
आरोप लगाने वाले छात्रों की माने तो सोरांव, बहरिया और करछना केअभ्यर्थियों का नाम ही टॉपर लिस्ट में है।
ऐसे में शुरू से ही शक था कि कोई न कोई फर्जीवाड़ा करके अभ्यर्थियों का अंक बढ़ाए गए हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि राहुल के मुकदमा दर्ज कराते ही आरोप सच लगने लगे हैं।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य है आरोपी
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार डॉ .
केएल पटेल प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत
सदस्य रह चुका है। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह के
मुताबिक दो साल पहले इसने इस्तीफा दे दिया था। बताया
जाता है कि डॉ पटेल का फूलपुर क्षेत्र में आईटीआई, इंटर
कॉलेज है और होलागढ़ में फार्मेसी कॉलेज बनकर तैयार
है। शहर में राजापुर इलाके में घर है।