69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामला: फॉर्म भरने में गलती करने वालों को हाई कोर्ट से झटका

प्रयागराज: 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फॉर्म भरने में गलती करने वाले अभ्यर्थियों को झटका दिया है. जस्टिस प्रकाश पाडिया की एकल पीठ ने फॉर्म भरने में मानवीय त्रुटि को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही गलती सुधारने की आनलाइन आवेदन की मांग को भी अस्वीकार किया है.

दरअसल, आशुतोष कुमार श्रीवास्तव व अन्य अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई थी कि फॉर्म भरने में हुई भूल को माफ करते हुए सभी को नियमित कर दिया जाए. फॉर्म भरते समय त्रुटि हुई, अंक गलत भर दिए.
सुनवाई को दौरान, याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने दलील दी कि अभ्यर्थियों से ऑनलाइन फॉर्म में बीएड के अंक भरने में गलती हुई है. याची भर्ती परीक्षा में सफल घोषित हुए हैं. लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटरों की गलती मानवीय भूल है, जिसे दुरुस्त करने की अनुमति दी जाए. गलतियां शैक्षिक प्रमाणपत्रों में प्राप्त अंकों से संबंधी है. वहीं, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह घोर लापरवाही है. सुधारने की छूट दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकती है.

जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि फॉर्म भरने में परीक्षाओं के प्राप्त अंक गलत भरना मानवीय त्रुटि नहीं है. फॉर्म भरने से पहले अभ्यर्थियों को ध्यान से निर्देश पढ़ने चाहिए थे. फॉर्म सही ढंग से भरना अभ्यर्थियों की जिम्मेदारी है. इसे कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूल बताना गलत है. यदि ऐसी गलतियों को सुधारने की अनुमति दी गई तो इसका दुरुपयोग किया जाएगा. अभ्यर्थी गलती का लाभ उठाएंगे और पकड़े जाने पर मानवीय भूल कहकर गलती से पल्ला झाड़ लेंगे. जिसने गलती की है उसे उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. बहस के लिए एक और विंडो नहीं खोली जा सकती.