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10वीं के बाद क्या करें? कैसे करें अपने विषय का चयन

10वीं की परीक्षा के बाद क्या करें। पढ़ाई जारी रखनी चाहिए या कोई नौकरी करनी चाहिए? पढ़ाई करें, तो कौन सा विषय का चयन करें? कौन सा विषय पढ़ने के बाद अच्छा कैरियर बना सकते हैं? कोई प्रोफेशनल कोर्स का चयन करें या ट्रेडिशनल पढ़ाई की तरफ ही जाएँ।
ये वो सवाल से हैं, जो आपके मन में अक्सर उठते होंगे। खासकर के 10वीं और उससे पहले के बच्चों के मन इन प्रश्नों का आना स्वाभाविक है। आइए, इस पोस्ट में हम जानते हैं कि 10वीं के बाद क्या करें? हम विस्तार से जानेंगे कि 10वीं के बाद कौन सा विषय चुनें।

10वीं के बाद कौन सा विषय चुनें

यदि आपने 10वीं की परीक्षा दे दी है या आप 9वीं में हैं या 10वीं में गए हैं, तो आप जरूर सोचते होंगे कि कौन सा विषय चुनना अच्छा रहेगा। तो हम आपको बताना चाहेगे कि आपके पास तीन विकल्प होते हैं। साइन्स या विज्ञान, कॉमर्स या वाणिज्य और तीसरा आर्ट्स या कला। अब इसमें से कौन सा विषय आपके लिए है, इस पर हमलोग विस्तार से चर्चा करते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला लेना

पढ़ाई-लिखाई की उम्र इंसान के ज़िंदगी का वह हिस्सा होता है जिस पर पूरे ज़िंदगी का आधार होता है। चाहे एक अच्छे कैरियर की बात करें या अपने ज़िंदगी को बेहतर बनाने की बात करें। एक इंसान का शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अब क्या पढ़ें ये सवाल कई लोगों के मन में आता है। बहुत बार 10वीं कक्षा तक तो बच्चे अपने शिक्षक, अभिभावक के निर्देशानुसार पढ़ाई करते हैं, परंतु वो अपने ज़िंदगी का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते। उन्हें ये पता नहीं होता कि आखिर उन्हें करना क्या है। ये दुविधा उस समय काफी हो जाता है, जब वो 10वीं कि परीक्षाएँ दे देते हैं और उनके सामने सवाल होता है अब कौन सा विषय चुने।

आखिर क्यों होता है विषय चुनने में परेशानी

10वीं के परीक्षा के बाद उनके पास इतना वक़्त नहीं होता कि वो बहुत ज्यादे सोच सके। चूंकि रिज़ल्ट के आते ही उन्हें नामांकन भी करवाना होता है और उन्हें ठीक से ये पता भी नहीं होता कि उनके लिए कौन सा विषय सही रहेगा। उस वक़्त तक बहुत सारे बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता। परिणामस्वरूप वो अपने दोस्त, सहपाठी, अभिभावक, शिक्षक के सलाह पर निर्भर हो जाते और बिना ये जाने, वे क्या कर सकते हैं, उनकी क्षमताएँ क्या हैं, वो ऐसा निर्णय लेते हैं, जो उन्हें खुद पसंद नहीं होता। आज हम उन सारे विषयों की विस्तार से चर्चा करेंगे जो आपको निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।

सही निर्णय कैसे लें

किसी भी काम में सफलता पाने के लिए सही समय पर सही फैसला का लेना अनिवार्य है। यदि आपने सही फैसला नहीं लिया तो बाद में अफसोस करना पड़ता है क्योंकि आप अपने विषयों को बार बार बदल कर अपना वक़्त बर्बाद नहीं करना चाहेंगे। हालांकि ऐसा नहीं है कि जो फैसला ले लिया वो आखिरी है लेकिन सोच समझ कर लिया गया फैसला आपके आत्म विश्वास को बढ़ाने का काम करता है। तो सोच समझ कर फैसला लें और अपने अंदर में स्किल्स विकसित करने कि कोशिश करें।

अपने क्षमता के अनुसार करें विषय का चयन

सबसे महत्वपूर्ण बात, सबसे पहले। 10वीं के बाद आपके पास चार तरह के विकल्प होते हैं। आप चाहें तो डिप्लोमा कर सकते हैं या 12वीं की पढ़ाई के लिए विषय का चयन कर सकते हैं। आपके मन में यह भी सवाल आ सकता है कि 12वीं में कौन से विषय का चयन करें। इस बारे में विस्तार से बातें करने जा रहें हैं। लेकिन एक सलाह जो आपको माननी चाहिए वो यह कि ये वक़्त आपका सबसे महत्वपूर्ण वक़्त होता है। तो इस समय में विषय के चयन में जल्दीबाजी न करें। क्योंकि यही आपके भविष्य और कैरियर का आधार बनेगा।
सबसे पहले खुद को परखें। आपको कौन सा क्षेत्र सबसे ज्यादे पसंद है। या यूं कहें कि आखिर मजबूती आपकी क्या है। किस तरह के चीजों में आपकी रुचि है। जब आप ये फैसला कर लेते हैं, तो आपके सामने कुछ विकल्प आते हैं।

10वीं के बाद कौन -कौन से विषय हैं


यदि आपके मन में यह सवाल है कि 10वीं के बाद क्या करें तो आपके पास 10वीं के बाद आपके पास तीन विषयों में से कोई एक विषय चुनने के विकल्प मौजूद होते हैं।

साइन्स या विज्ञान

साइन्स या विज्ञान वह विषय होता है जो आम तौर पर अधिकांश बच्चों का पसंदीदा विषय होता है। लगभग हर माता-पिता भी यही चाहते हैं कि उनका बच्चा साइन्स लेकर ही पढे। हमारे समाज की भी कुछ ऐसी मानसिकता है कि साइन्स विषय लेकर पढ़ने वाले बच्चे ज्यादे बुद्धिमान होते हैं। हालांकि ऐसा नहीं हैं। यही एक ऐसा बिन्दु है जहां अक्सर गलती कर बैठते हैं और लोग उन्हें ये न कहे कि ये लड़का पढ़ने में तेज नहीं है, बिना अपनी रुचि के भी इस विषय का चयन कर लेते हैं।
यदि आप इंजीनियरिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नालजी (IT), कम्प्युटर साइन्स, मेडिकल जैसे क्षेत्र में कैरियर बनाने कि सोच रहे हैं, तो यह विषय आपके लिए सही है।
साइन्स विषय को भी दो श्रेणी में बांटा गया है। दोनों ही श्रेणी में भौतिकी यानि फ़िज़िक्स और रसायन यानि कैमिस्ट्रि पढ़ना पड़ता है। अंतर है तो एक तीसरे विषय का। छात्रों को ये चुनने कि आजादी होती है कि वो गणित पढ़ना चाहते हैं या बायोलॉजी।
  1. पीसीएम (PCM)– ऐसे छात्र जो इंजीनियरिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नालजी (IT), कम्प्युटर साइन्स के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वो गणित लेकर अपनी पढ़ाई करते हैं।
इसमें तीन मुख्य विषय होते हैं-
  1. फ़िज़िक्स या भौतिकी
  2. कैमिस्ट्रि या रसायन
  3. गणित
2. पीसीबी (PCB)– ऐसे छात्र जो मेडिकल, एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वो बायोलॉजी लेकर अपनी पढ़ाई करते हैं।
इसमें तीन मुख्य विषय होते हैं-
  1. फ़िज़िक्स या भौतिकी
  2. कैमिस्ट्रि या रसायन
  3. बायोलॉजी

इसके अलावे भाषा में अँग्रेजी भी आपको पढ़ना पड़ता है। इसके अलावे एक पांचवें विषय के रूप मे कम्प्युटर, फ़िज़िकल एडुकेशन, म्यूजिक, फ़ाइन आर्ट आदि में से कोई एक विषय पढ़ना पड़ता है।


कॉमर्स या वाणिज्य

साइन्स के बाद सबसे ज्यादे बच्चे कॉमर्स का चयन करते हैं। समाज में यह माना जाता है कि कॉमर्स मीडियम टाइप के बच्चों का सब्जेक्ट है। जबकि हक़ीक़त यह है कि कॉमर्स एक ऐसा विषय है जिसमे ऐसे बच्चों के लिए संभावनाएं हैं जो बिजनेस से जुड़ी बातों को सीखना चाहते हैं। अब हर तरह के बच्चे होंगे जो इस बिजनेस करना चाहते हैं या उनका मन इस तरह के क्रिया कलाप में लगता है।
कैरियर की बात करें तो कॉमर्स के छात्र के लिए भी कई संभावनाएं हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, होटल मैनेजमेंट आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें कई बच्चे अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।

10वीं के बाद कॉमर्स या वाणिज्य का चयन क्यों करें

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि ऐसे छात्र जो मीडियम दर्जे के हैं यानि जिन्हें 10वीं में 60% के आस-पास अंक आया वो इस विषय को चुन सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। हर वो छात्र जिनकी रुचि बिजनेस के क्षेत्र में है। यदि वो CA बनना चाहते हैं या वो बैंकिंग के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो वो कॉमर्स का चयन कर सकते हैं।

कॉमर्स में कौन कौन सा विषय पढ़ना पड़ता है

अब यदि आप कॉमर्स पढ़ना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपके मन में सवाल आया होगा कि इसमें विषय कौन सा पढ़ना पड़ता है। आइए जानते हैं-
  • अकाउंट (Account)– कॉमर्स के अंतर्गत यह एक महत्वपूर्ण विषय है। इस विषय के अंतर्गत आपको हिसाब किताब से संबन्धित चीजें सिखायी जाती हैं जो किसी भी बिजनेस में काफी जरूरी होता है।
  • इक्नोमिक्स (Economics)– इस विषय के अंतर्गत आर्थिक संरचना, उनकी विशेषताओं को जानने और समझने का अवसर मिलता है। क्रय विक्रय के नियम, लाभ हानि आदि के बारे में आपको इसके अंतर्गत सीखने को मिलता है।
  • बिजनेस स्टडिज (Business Studies)– जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इसके अंतर्गत बिजनेस से संबन्धित बातों को बताया जाता है। बिजनेस कैसे करें। एक बिजनेस के सफलता के लिए क्या क्या जरूरी हैं।
  • इसके अलावे इसमें गणित और भाषा भी होता है, जो काफी महत्वपूर्ण है।


  • आर्ट्स या कला

    अब हम बातें करते हैं एक ऐसे क्षेत्र कि जिसमे असीम संभावनाएं हैं लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग 12वीं में इस विषय को प्रमुखता नहीं देते। हालांकि इस विषय को लेकर लोगों के सोच में बदलाव हो रहा है और कई सारे बच्चे इस विषय को पढ़ना पसंद करते हैं। आर्ट्स के अंतर्गत कई सारे विषय मौजूद हैं, जिन्हें छात्र अपने सुविधानुसार चुन सकते हैं। साहित्य, इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शन, होम साइन्स आदि इसके अंतर्गत आते हैं।

    10वीं के बाद आर्ट्स या कला का चयन क्यों करें

    यदि आप मीडिया, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, शोध आदि के क्षेत्रों में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सबसे अच्छा है। जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि इस क्षेत्र को लेकर लोगों कि धरनाएँ बदली हैं और कई लोग इस क्षेत्र में सफल भी हो रहे हैं। आर्ट्स या कला के छात्र पत्रकार, वकील, विश्लेषक, शोध, राजनीतिज्ञ, शिक्षक, प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएँ देते हैं। आगे चलकर प्रशासनिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी इस विषय के छात्र अपना परचम लहराते हैं।

    आर्ट्स में कौन कौन सा विषय पढ़ना पड़ता है

    यदि आपकी दिलचस्पी आर्ट्स में है तो आपको ये भी जानना चाहिए कि इसके अंतर्गत आपको क्या पढ़ना पड़ेगा। हम कुछ विषयों की बातें करेंगे जो आर्ट्स के अंतर्गत पढ़ना पड़ता है।
    • इतिहास (History)– 10वीं तक इस विषय को सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत आपने पढ़ा होगा। 10वीं के बाद यह एक अलग विषय हो जाता है जिसमें इतिहास से संबन्धित बातों को पढ़ना पड़ता है।
    • भूगोल (Geography)– आपने निश्चित रूप से 10वीं तक सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत भूगोल भी पढ़ा होगा। इसमे आपको पर्यावरण, जलवायु, प्रकृति, खनिज सम्पदा, आपदा प्रबंधन आदि के बारे में बताया जाता है।
    • राजनीति विज्ञान (Political Science)– राजनीति विज्ञान के अंतर्गत आपको भारतीय प्रशासन तंत्र, संरचना, कानून, संविधान से संबन्धित चीजें जानने को मिलेगी।
    • अर्थशास्त्र (Economics)– इस विषय के अंतर्गत आर्थिक संरचना, उनकी विशेषताओं को जानने और समझने का अवसर मिलता है।
    • साइकोलॉजी (Psychology)– इसके अंतर्गत मनोविज्ञान आता है। जिसके द्वारा आपको मानव के व्यवहारों और उसके मनोदशा के बारे में समझने में मदद मिलेगी।
    • दर्शन (Philosophy) – इसके अंतर्गत ऐसे बातों की चर्चा होती है जो आपको अच्छा जीवन जीने में मददगार साबित होगी। खुश कैसे रहें? दबाब से कैसे खुद को संभाले आदि।
    • इसके अलावे साहित्य से संबन्धित विविध विषय भी होते हैं। जैसे हिन्दी, अँग्रेजी, संस्कृत आदि। इससे आपके साहित्य में भी सुधार होता है और आप भाषा को शुद्ध बोलना और लिखना सीखते हैं।
    इन विषयों के अलावे आप यदि प्रॉफेशनल कोर्स करना चाहते हैं तो आपके लिए ये रास्ता भी खुला हुआ है।

    10वीं के बाद पॉलिटैक्निक

    आप चाहें तो पॉलिटैक्निक कर सकते हैं। इसके द्वारा आप इंजिनयरिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। पॉलिटैक्निक का बड़ा फाइदा ये होता है कि आप चाहें तो BTech कर सकते हैं या फिर आप जॉब करना चाहें तो जॉब भी कर सकते हैं।
    इस कोर्स में मुख्य रूप से फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर, ऑटो मोबाइल सेक्टर, मैकनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रीकल इंजिनयरिंग होते हैं। इसके अलावा इसमें बहुत सारे कोर्स होते है जिनके जरिये अपना कैरियर बेहतर बना सकते है

    10वीं के बाद आईटीआई (ITI)

    आई टी आई (औधोगिक प्रसिक्षण संस्था)- अगर आप 10वी के बाद कोई ऐसा कोर्स करना चाहते है जिससे आपको जल्दी और अच्छी जॉब मिल जाये तो आप आईटीआई कर सकते हैं।  आईटीआई के अंतर्गत कई सारे ट्रेनिंग मौजूद हैं जैसे इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, फिटर, कारपेंटर, मेकिनिक, स्टेनो, कंप्यूटर हार्डवेयर आदि।
    इसके अलावे कई सारे डिप्लोमा और शॉर्ट टर्म कोर्स मौजूद हैं, जो आपके सपनों को उड़ान देने में सक्षम हैं। कम्प्युटर से सबंधित कई सारे कोर्स आपके स्किल्स को बढ़ते हैं और आपको आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते हैं।

    निष्कर्ष:

    इस पोस्ट में हमने जाना कि 10वीं के बाद क्या करें? हमने ये जानने की कोशिश की कि 10वीं के बाद कौन सा विषय चुने। यदि अभी भी आपको कोई दुविधा लगे, तो इन विषयों के बारे में अपने से बड़ों से सलाह अवश्य लें, लेकिन फैसला अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को देखते हुये लें। आपके मन में कोई सवाल हो तो हमसे जरूर पुछें। यदि आप किसी विषय पर विस्तार से जानना चाहते हैं, तो हमें बताएं। हम प्रयास करेगे कि आपके हर सवाल का सटीक जानकारी आपको दिया जाए। 

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